- जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार से कर्ज नहीं उठाया जा सकता
- जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति को लेकर चर्चा की गई
- वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व में कमी की भरपाई के तरीकों पर सहमति नहीं बन पाई
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती, क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है। जीएसटी काउंसिलक की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के तौर तरीकों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है। जीएसटी काउंसिल जीएसटी पर निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। एक सप्ताह के भीतर सोमवार को इसकी दूसरी बैठक हुई। राजस्व भरपाई के मुद्दे पर यह लगातार तीसरी बैठक रही, जिसमें कोई निर्णय नहीं हो पाया। जीएसटी राजस्व की भरपाई को लेकर राज्यों के समक्ष रखे गए केंद्र के प्रस्ताव पर सभी राज्य एकमत नहीं हो पाए। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि राजस्व में कमी की भरपाई के तरीकों पर सहमति नहीं बन पाई।
'बाजार से नहीं उठा सकते कर्ज'
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बाजार से कर्ज जुटाकर राज्यों के राजस्व की भरपाई नहीं कर सकती। इससे बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी होगी, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में कर्ज महंगा हो जाएगा। ऐसे में सरकार और निजी क्षेत्र, दोनों के लिए कर्ज की लागत बढ़ जाएगी। लेकिन यदि राज्य खुद भविष्य में होने वाली जीएसटी प्राप्ति के एवज में बाजार से कर्ज उठाते हैं तो ऐसा नहीं होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 21 राज्य पहले ही केन्द्र के इस संबंध में रखे गए विकल्प को लेकर अपनी सहमति जता चुके हैं। लेकिन कुछ राज्य इस मुद्दे पर आम सहमति से निर्णय लेने को लेकर जोर दे रहे हैं, जो नहीं बन पाई।
उपकर को लेकर फैसला
जीएसटी काउंसिल की बीते सप्ताह हुई बैठक में कार, तंबाकू जैसे विलासिता या अहितकर उत्पादों पर जून 2022 के बाद भी उपकर लगाने का फैसला लिया गया था।
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया है। पहले विकल्प के तहत जहां रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिए विशेष सुविधा दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है, वहीं दूसरे विकल्प के तहत 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव रखा गया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में अनुमानित कमी में महज 97 हजार करोड़ रुपये के लिए जीएसटी क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष कमी का कारण कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए हालात हैं।