- आरआईएल की अब तक सभी एजीएम लोगों की व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ होती रहीं हैं
- मुंबई से बाहर रहने वाले शेयरधारक इस सालना कार्यक्रम में बहुत कम ही भागीदारी कर पाते हैं
- अब नई परिस्थितियों में मुंबई से बाहर के निवेशक भी एजीएम कार्यक्रम को सीधे देख सेकेंगे
नई दिल्ली : देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) बुधवार को पहली बार अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का ऑनलाइन आयोजन करेगी। कंपनी इसके लिए एक नया वर्चुअल प्लेटफॉर्म बनाएगी जिसमें 500 स्थानों से एक लाख से अधिक शेयरधारक एक साथ लॉग कर सकेंगे। आरआईएल की अब तक सभी एजीएम लोगों की व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ होती रहीं हैं। ऐसे में मुंबई से बाहर रहने वाले शेयरधारक इस सालना कार्यक्रम में बहुत कम ही भागीदारी कर पाते हैं। लेकिन अब नई परिस्थितियों में मुंबई से बाहर के निवेशक भी एजीएम कार्यक्रम को सीधे देख सेकेंगे, नई योजनाओं के बारे में जान सकेंगे और इसमें भागीदारी भी कर सकेंगे।
आरआईएल ने शेयरधारकों को इस बारे में शिक्षित करने के लिए एक व्हट्सअप नंबर +91-79771-11111 के जरिये चैटबोट जारी किया है। इससे शेयरधारकों को ऑनलाइन लाग-इन करने, सवाल पूछने और विभिन्न प्रस्तावों पर मत देने के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह 24 घंटे सातों दिन काम करेगा और जरूरी जानकारी देगा।
आरआईएल की यह ऑनलाइन एजीएम 15 जुलाई को होगी। पहली बार इसमें देश और दुनिया के 500 स्थानों से एक लाख से अधिक निवेशक सीधे वार्षिक आम बैठक में भाग ले सकेंगे। चैटबोट की शुरुआत रिलांयस के 53,124 करोड़ रुपए के मेगा राइट इश्यू के दौरान हुई जिसे जियो हेप्टिक चलाएगा।
रिलायंस की पिछली एजीएम 12 अगस्त 2019 को कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी को 31 मार्च 2021 तक कर्ज मुक्त बनाने की कार्ययोजना की घोषणा की थी। लेकिन तेल से लेकर दूरसंचार तक कई कारोबार करने वाला यह समूह पिछले महीने ही शुद्ध रूप से कर्ज मुक्त हो गया।
कंपनी ने अपनी डजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में 25.24% हिस्सेदारी बेचकर 1.18 लाख करोड़ रुपए जुटाने की व्यवस्था कर ली है। वहीं रिलायंस के मौजूदा शेयरधारकों को राइट इश्यू जारी कर 53,124 करोड़ रुपए भी जुटाने का भी इंतजाम किया है।
इसके अलावा ईंधन की खुदरा बिक्री कारोबार में 49% हिस्सेदारी बअेचकर 7,000 करोड़ रुपए जुटाये हैं कुल मिलाकर कंपनी ने 1.75 लाख करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने की पक्की व्यवस्था कर ली है। कंपनी के ऊपर 31 मार्च 2020 को 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज था। नए निवेश के बाद कंपनी शुद्ध रूप से कर्ज मुक्त हो गई है।