- आरबीआई आने वाले समय में रेपो रेट में कुल 150 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी कर सकता है।
- पिछली एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 40 आधार अंकों की वृद्धि की गई थी।
- एसबीआई रिसर्च ने क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल पर चिंता व्यक्त की।
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च टीम ने एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट जारी कर दी है। एसबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में 0.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया है। एसबीआई रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष देश के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर को बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है।
इस वजह से जताया गया जीडीपी में तेजी का अनुमान
रिपोर्ट में उच्च मुद्रास्फीति दर और ब्याज दरों में संभावित इजाफे की वजह से वित्त वर्ष 2023 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 11.1 लाख करोड़ की तेजी आने का अनुमान जताया गया है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 के पहले छह महीनों में महंगाई के उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है। मौजूदा मूल्य पर इस साल जीडीपी 16.1 फीसदी बढ़ सकती है।
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कंपनियों के राजस्व में भी उछाल
आगे रिपोर्ट में कहा गया कि गत वित्त वर्ष में शेयर बाजार में लिस्टेड लगभग 2,000 कंपनियों के राजस्व में 29 फीसदी की जोरदार तेजी दर्ज की गई है। एक साल पहले की तुलना में इनका शुद्ध लाभ 52 फीसदी तक बढ़ा है।
अगले हफ्ते रेपो रेट बढ़ा सकता है केंद्रीय बैंक
इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 6 जून 2022 से 8 जून 2022 तक चनले वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में क्रमिक वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने का प्रयास किया जा सकता है। अगले हफ्ते केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक (MPC Meeting) के दौरान रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है।
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