नई दिल्ली : वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के बारे में बताने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि इस वर्ष 14,000 नई नियुक्तियां करने की योजना है। साथ ही देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) पर सफाई देते हुए कहा कि बैंक की लागत में कटौती करने के लिए नहीं है। गौर हो कि एसबीआई की वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम की आलोचना हो रही है। बैंक यूनियन इस कदम को मजदूर विरोधी बताया है। विपक्षी दलों ने भी इसकी आलोचना ही है। कांग्रेस नेता और यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने बैंक की प्रस्तावित VRS की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट के दौर में अगर देश का सबसे बड़ा बैंक नौकरियों में कटौती करता है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य बड़े नियोक्ता और MSME क्या कर रहे होंगे।
बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) तैयार की है जिसके दायरे में करीब 30,190 कर्मचारी आ सकते हैं। बैंक के बयान में उसके प्रवक्ता ने कहा है कि बैंक की प्रस्तावित VRS लागत घटाने के लिए नहीं है।
स्टेट बैंक की वीआरएस योजना के मसौदे के मुताबिक VRS- 2020 योजना के तहत बैंक में 25 साल की सेवा या 55 साल की आयु पूरी कर चुके सभी स्थायी अधिकारी और स्टाफ कर्मचारियों के लिए यह खुली होगी।
बैंक के बयान में कहा गया है कि बैंक हमेशा से कर्मचारियों के प्रति दोस्ताना नजरिया रखता आया है और वह अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है जिसके लिए लोगों की आवश्यकता होगी। यह इस बात से साबित होता है कि बैंक की इस साल 14000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करने की याजना है।
एसबीआई के वर्तमान में ढ़ाई लाख के करीब कर्मचारी हैं। बैंक अपने कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने और उनके जीवनकाल में मदद के लिए हमेशा आगे रहा है।