नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सोमवार को सोने के इलेक्ट्रॉनिक रूप में कारोबार के लिए स्वर्ण एक्सचेंज (Gold Exchange) के परिचालन की रूपरेखा जारी की। इस बाजार में सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (Electronic Gold Receipts, EGR) के रूप में होगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि जो शेयर बाजार ईजीआर में कारोबार शुरू करने के इच्छुक हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। शेयर बाजार कारोबार या ईजीआर को स्वर्ण में बदलने को लेकर विभिन्न मात्रा के साथ अनुबंध शुरू कर सकते हैं।
तीन चरणों में होगा सौदा
नई रूपरेखा के तहत, पूरा सौदा तीन चरणों- ईजीआर तैयार करना, शेयर बाजार में ईजीआर में कारोबार और ईजीआर को भौतिक रूप से सोने में बदलना, में होगा।
एक साझा मंच विकसित करेंगे डिपॉजिटरीज
डिपॉजिटरीज एक साझा मंच विकसित करेंगे। इस मंच पर सबकी पहुंच होगी। इसमें डिपॉजिटरीज, शेयर बाजार, समाशोधन निगम, 'वॉल्ट' प्रबंधक शामिल हैं। वॉल्ट यानी तिजोरी या 'स्ट्रांग रूम' प्रबंधक का काम मान्यता प्राप्त भंडारण स्थानों पर सोने को रखना है। 'वॉल्ट' प्रबंधक को सोना सेबी द्वारा निर्धारित तरीकों से रखना होगा। साथ ही गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही होगी।
सेबी ने कहा कि नया विधान तत्काल प्रभाव से अमल में आएगा। इससे पहले सरकार ने प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून, 1956 के तहत 24 दिसंबर को एक अधिसूचना के जरिये इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को प्रतिभूति के रूप में घोषित किया था। नियामक ने अलग से 31 दिसंबर को वॉल्ट प्रबंधकों के लिये नियम अधिसूचित किये थे।
सेबी के परिपत्र के अनुसार, भौतिक रूप से सोने की आपूर्ति स्वर्ण की ताजा जमा राशि होगी। इसे ईजीआर में परिवर्तित किया जाएगा। सोने की आपूर्ति या तो आयात के माध्यम से या शेयर बाजार से मान्यता प्राप्त घरेलू रिफाइनरियों के माध्यम से तिजोरी या स्ट्रांग रूप में की जाएगी।
तिजोरी में जमा सोने को ईजीआर में तब्दील करने पर विचार किया जा सकता है। वॉल्ट प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि सोने को ईजीआर में बदलने पर वे सभी मानदंडों को पूरा करे।