नई दिल्ली: भारतीय इक्विटी बाजारों में गुरुवार (24 सितंबर) को भारी बिकवाली का दबाव देखा गया। बीएसई सेंसेक्स के शेयरों में करीब 1,100 अंकों की गिरावट हुई। सेंसेक्स 1,114.82 अंक या 2.96% गिरकर 36,547.22 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 326 अंक गिरकर 10,805.55 अंक तक नीचे फिसल गया। बैंकिंग और आईटी शेयरों में बिकवाली सबसे ज्यादा हिट रही। निफ्टी बैंक और निफ्टी आईटी में करीब 4% की गिरावट आई। पिछले 6 कारोबारी कारोबारी दिनों में सेंसेक्स करीब 3000 अंकों की गिरावट हुई है। इन 6 दिनों में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। ग्लोबल बाजारों में बिकवाली के बीच यहां भी सेंसेक्स में 1,115 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गई। एनएसई का निफ्टी 10,800 के करीब पहुंचा। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 संक्रमण का दूसरा दौर शुरू होने की आशंका के बीच ग्लोबल बाजारों में जमकर बिकवाली का सिलसिला चला। केंद्रीय बैंकों की ओर से अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिये किसी तरह के नए प्रोत्साहनों की घोषणा नहीं होने से बाजारों की धारणा प्रभावित हुई।
घरेलू मोर्चे पर रुपए में भारी गिरावट तथा शेयर बाजार में वायदा एवं विकल्प खंड में निपटान कारोबार की वजह से भी बाजार में जबर्दस्त गिरावट आई।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कमजोर रुख के साथ खुलने के बाद और नीचे गया। अंत में यह 1,114.82 अंक या 2.96% के नुकसान से 36,553.60 अंक पर बंद हुआ। चार मई के बाद यह सेंसेक्स में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन सेंसेक्स 2,000 अंक से अधिक अंक टूटा था।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 326.30 अंक या 2.93% टूटकर 10,805.55 अंक रह गया। पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 2,749.25 अंक नीचे आ चुका है। इस दौरान निफ्टी में 799 अंक की गिरावट आई है। इस बीच, बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3.95 लाख करोड़ रुपए घटकर 1,48,76,217.22 करोड़ रुपए रह गया। बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 3.95 लाख करोड़ रुपए की पूंजी का नुकसान हुआ है।
सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर अन्य सभी में नुकसान रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर 0.36% के लाभ में बंद हुआ। इंडसइंड बैंक के शेयर में सबसे अधिक 7.10% की गिरावट दर्ज हुई। बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, टीसीएस और टाटा स्टील में भी गिरावट रही।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के बीच अमेरिका से चिंताजनक आंकड़ों की वजह से बाजारों में गिरावट आई। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण फिर उबरने की चिंता से यूरो क्षेत्र के बाजार टूट गए। भारतीय बाजारों में टीसीएस और इन्फोसिस की अगुवाई में जबर्दस्त नुकसान रहा। इन दोनों कंपनियों के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले पांच माह के दौरान बाजार में सुधार लाने में मुख्य योगदान दिया।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 2.28% तक का नुकसान रहा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 32 पैसे टूटकर 73.89 प्रति डॉलर पर आ गया। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 2.59% टूट गया। चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग भी 1.82% नीचे आए। इस बीच, वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.22% के नुकसान से 41.68 डॉलर प्रति बैरल पर बोला गया।