मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर सीमांत कोष की लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की कटौती करने की शुक्रवार को घोषणा की। बैंक ने कहा कि नयी दरें 10 फरवरी से प्रभावी होंगी। बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष में एमसीएलआर में यह लगातार नौवीं कटौती है।
बैंक ने एक बयान में कहा कि इस कटौती के बाद एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर कम होकर 7.85 प्रतिशत पर आ गया है।बैंक ने एमसीएलआर में यह कटौती रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद की है।
रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद बृहस्पतिवार को रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथवत बनाये रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि के लिये दीर्घकालिक रेपो की घोषणा की। इससे वाणिज्यिक बैंकों के लिये कर्ज जुटाना सस्ता हो गया।
एसबीआई ने कहा कि उसने बैंकिंग प्रणाली में तरलता की अधिकता को देखते हुए दो करोड़ रुपये से कम के खुदरा जमा तथा दो करोड़ रुपये से अधिक के थोक जमा की ब्याज दरों में भी संशोधन किया है। खुदरा जमा के लिये ब्याज दर में 0.1 से 0.5 प्रतिशत तक की तथा थोक जमा में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती की गयी है। नयी दरें 10 फरवरी से प्रभावी हैं।