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बिजली कटौती कर कमाई कर रहे हैं राज्य ! जानें केंद्र सरकार के आरोप और राज्यों की हकीकत

Coal Crisis In India
Updated Oct 13, 2021 | 13:32 IST

Coal Crisis In India: पॉवर एक्सचेंज पर 13 अक्टूबर को 12:30 से 12:45 के स्लॉट के बीच 3725 मेगावॉट सरप्लस बिजली मौजूद थी। राज्यों ने 12 अक्टूबर को 13 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी है।

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Coal Crisis In IndiaCoal Crisis In India
कोयला संकट के बीच अब आरोपों का दौर शुरू
मुख्य बातें
  • 12 अक्टूबर को पॉवर एक्सचेंज से पंजाब ने 2550 MW, गुजरात ने 4752 MW, हरियाणा ने 1625 MW, राजस्थान ने 1191 MW बिजली खरीदी है।
  • देश में 12 अक्टूबर को पीक मांग के समय 5591 मेगावाट बिजली की कमी रही।
  • 11 अक्टूबर को 15 प्लांट के पास एक भी दिन का कोयले का स्टॉक नहीं था, जबकि 27 के पास केवल एक दिन का स्टॉक था।

नई दिल्ली। हर रोज गहराते कोयले के संकट ने  केंद्र और राज्य सरकारों के आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू कर दिया है। ताजा आरोप केंद्र सरकार ने लगाया है। पॉवर मिनिस्ट्री के अनुसार ' कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और बिजली की कटौती (लोड शेडिंग) कर रहे हैं।

साथ ही वह बिजली एक्‍सचेंज में भी ऊंचे दाम पर बिजली बेच रहे हैं।' मंत्रालय ने यहां तक चेतावनी दे दी है कि यदि यह पाया जाता है कि कोई राज्य अपने उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करने की जगह और बिजली एक्‍सचेंजों में उंचे रेट पर बिजली बेच रहा है। तो ऐसे राज्यों की 'आवंटित नहीं की गई बिजली' रोक दी जाएगी और दूसरे जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर दी जाएगी।

असल में बिजली आवंटन की गाइडलाइन के अनुसार, सेंट्रल जेनरेशन स्टेशन से 15%बिजली को "आवंटित नहीं की गई बिजली" के तहत रखा जाता है।  जिसे केन्‍द्र सरकार उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरतमंद राज्यों को आवंटित करती है। अब इसी को रोकने की चेतावनी केंद्र सरकार कर रही है। जाहिर है गहराते बिजली संकट ने नई लड़ाई को जन्म दे  दिया है।

12 अक्टूबर को 5591 मेगावॉट बिजली की कमी

नेशनल पॉवर पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार देश में 12 अक्टूबर  को पीक मांग 174476 मेगावॉट बिजली की रही, जबकि 168885 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो पाई। इसकी वजह से 5591 मेगावाट बिजली की कमी रही। अगर राज्यों और क्षेत्रों के आधार पर देखा जाय तो 10 अक्टूबर तक दिल्ली में 1038 मेगावाट, हरियाणा में 1841.89 मेगावाट, पंजाब में 1560 मेगावाट, राजस्थान में 5600 मेगावाट, उत्तर प्रदेश में 7140 मेगावाट, छत्तीसगढ़ में 7463 मेगावाट, महाराष्ट्र में 10978 मेगावाट और आंध्र प्रदेश में 8762 मेगावाट क्षमता के उत्पादन में समस्या (Capacity Under Outage) आ चुकी है।  वहीं प्लांट के पास कोयले की उपलब्धता में कोई खास अंतर नहीं आया है। 11 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार कोयले से चलने वाले 135 प्लांट में से 116 अभी क्रिटिकल स्थिति में हैं। जिनमें से 15 प्लांट के पास एक भी दिन का कोयले का स्टॉक नहीं है, जबकि 27 के पास केवल एक दिन का कोयले का स्टॉक था।

पॉवर एक्सचेंज पर 3725 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली

पॉवर मिनिस्ट्री से मिली जानकारी के अनुसार, पॉवर एक्सचेंज पर 13 अक्टूबर को 12:30 से 12:45 के स्लॉट के बीच 3725 मेगावॉट सरप्लस बिजली मौजूद थी। जबकि पीक समय में अक्टूबर महीने में अब तक 11626 मेगावॉट की  कमी रही है। वहीं पिछले साल 2020 में अक्टूबर के दौरान केवल 1222 मेगावॉट बिजली की कमी थी। 

इन राज्यों ने सबसे ज्यादा खरीदी बिजली

विद्युत प्रवाह पोर्टल के अनुसार 12 अक्टूबर को पॉवर एक्सचेंज से पंजाब ने 2550 मेगावाट, गुजरात ने 4752 मेगावाट, हरियाणा ने 1625 मेगावाट, राजस्थान ने 1191 मेगावाट बिजली खरीदी है। इन राज्यों द्वारा खरीदी गई बिजली के समय पॉवर एक्सचेंज पर 13 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिक रही थी। एक्सचेंज पर महंगी बिजली को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने प्रधान मंत्री से अपील की है कि कोयले की आपूर्ति बढ़ाई जाय। जिससे कि राज्यों को महंगी बिजली एक्सचेंज से नहीं खरीदना पड़े। असल में राज्य में बिजली की किल्लत को देखते हुए अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉवर एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीद रहे हैं।

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