- 12 दिन से लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है
- राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में पेट्रोल 100 रुपये के पार
- जनता से लूट बंद करे ईंधन-टैक्स-जीवी सरकार, पेट्रोल-डीजल के दाम कम करे: कांग्रेस
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश के कई शहर ऐसे हैं, जहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 90 रुपए से अधिक हो गई है, जबकि डीजल 80 रुपए से ज्यादा का हो गया है। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 39 पैसे की बढ़ोतरी हुई, जिससे उसकी कीमत 90.58 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल में 37 पैसे की बढ़ोतरी हुई, जिससे उसकी कीमत 80.97 पैसे हो गई।
ऐसे में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि कच्चे तेल की कीमत बहुत ज्यादा नहीं होने पर भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी क्यों हो रही है। इसको इस तरह समझा जा सकता है कि सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर इतना ज्यादा टैक्स लिया जा रहा है कि कीमतें आसमान छू रही हैं।
टैक्स लगने के बाद महंगा हुआ पेट्रोल
हम आपको समझाते हैं कि आप पेट्रोल पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कितना टैक्स दे रहे हैं। दिल्ली में 16 फरवरी को पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपए प्रति लीटर थी। इसमें से 31.82 रुपए पेट्रोल का बेस प्राइज है, बाकी का सारा एक्साइज ड्यूटी, वैट और डीलर कमीशन है। पेट्रोल पर टैक्स लगने के बाद इसकी कीमत लगभग 3 गुना बढ़ जाती है, जो कि आम जनता से वसूली जाती है।
पेट्रोल की कीमतों में कितना टैक्स है, ये इस तरह समझा जा सकता है कि पेट्रोल का बेस प्राइज मात्र 31.82 रुपए है, इसमें 0.28 रुपए भाड़ा जोड़ने के बाद डीलर को ये 32.10 रुपए का पड़ता है। अब इसमें केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क है 32.10 रुपए, राज्य सरकार का वैट है 20.61 रुपए और डीलर कमीशन है 3.68 रुपए। इस तरह लगभग 32 रुपए के पेट्रोल की कीमत टैक्स लगकर 90 रुपए हो गई।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ती गई
पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमतों में 17 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं डीजल में 14 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.9 रुपए और डीजल पर प्रति लीटर 31.80 रुपए उत्पाद शुल्क लगा रही है। एक साल में पेट्रोल पर 19 रुपए से ज्यादा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, जबकि डीजल पर 15 रुपए से ज्यादा बढ़ाई गई है।
कांग्रेस के गंभीर आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि 26 मई, 2014 को कच्चे तेल की कीमत 108.05 प्रति बैरल थी तो पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपये प्रति लीटर थी। आज यह बढ़कर 90.19 रुपए प्रति लीटर हो गई है यानी कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई, पर पेट्रोल की कीमत 26 प्रतिशत बढ़ गई। पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने मई 2014 से आज तक पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा कर 21 लाख 50 हजार करोड़ की लूट इस देश की जनता से की है। आज यानि 19 फरवरी, 2021 को कच्चे तेल की कीमत के आधार पर देश में पेट्रोल की कीमत 32.72 रुपए तथा डीजल की कीमत 33.46 रुपए होनी चाहिए। मोदी सरकार 32 रुपए प्रति लीटर का पेट्रोल 90 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है? उसी प्रकार 34 रुपए प्रति लीटर का डीजल 80 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है? मई 2014 से जनवरी 2021 तक मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर जनता की जेब से 21 लाख, 50 हजार करोड़ कमाए हैं। अकेले 2020–21 में पेट्रोल-डीजल पर भारत सरकार ने टैक्स लगा 3,46,100 करोड़ रुपए कमाए। ये पैसा कहां गया?