- सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक कॉन्सेप्ट पेपर तैयार करने के करीब है: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ।
- इसके लिए सरकार ने स्टेकहोल्डर्स, आईएमएफ और विश्व बैंक से इनपुट लिए हैं।
- सरकार जल्द ही अन्य देशों के साथ क्रिप्टोकरेंसी में नियमों पर आम सहमति बनाने पर चर्चा शुरू कर सकती है।
नई दिल्ली। सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ट्रांजैक्शन पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) लगाया जाता है। 1 फरवरी 2022 को पेश बजट 2022-23 में क्रिप्टोकरंसी पर 1 फीसदी टीडीएस लगाने का फैसला किया गया था। बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को थोड़ी देर के लिए खुशखबरी मिली थी, जब आयकर विभाग की वेबसाइट उल्लेख किया गया था कि अब वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) पर 1 फीसदी नहीं, बल्कि 0.1 फीसदी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स कटेगा। लेकिन बाद में विभाग ने स्पष्ट कहा कि वीडीए पर टीडीएस 1 फीसदी ही लगेगा। वेबसाइट पर आई गड़बड़ी को सुधार दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दिया गया सीबीडीटी का हवाला
मालूम हो कि 1 जुलाई 2022 से सभी वर्चुअल एसेट्स पर 1 फीसदी टीडीएस लगाया जाता है, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट की संभावना है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सीबीडीटी के नोटिस में दावा किया गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टीडीएस की दर को कम करके 0.1 फीसदी कर दिया गया है। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि वीडीए पर टीडीएस की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह पहले की ही तरह 1 फीसदी है।
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आईटी विभाग की वेबसाइट पर टीडीएस में कथित गिरावट के बाद लोगों की कई प्रतिक्रियाएं आई। कुछ ने प्रसन्नता व्यक्त की, तो कुछ ने कहा कि यह एक त्रुटि हो सकती है। आईटी पोर्टल में यह भी उल्लेख किया गया था कि वित्तीय वर्ष के दौरान 10,000 रुपये से कम और 50,000 रुपये तक के वीडीए का कुल मूल्य पर भी विभाग कुछ बदलाव कर सकता है।
पहले बताया गया था कि वित्त मंत्रालय जून में कुछ लेनदेन को क्रिप्टो टैक्स से बाहर करने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि मंत्रालय ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले अस्पतालों को क्रिप्टो टैक्स से बाहर कर सकता है और बैंकों के डिजिटल कार्ड और फ्लाइट माइल्स पर रिवॉर्ड पॉइंट को भी बाहर कर सकता है।