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ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का आज है अंतिम दिन, नहीं करें ये गलतियां

Updated Jan 10, 2021 | 06:19 IST

10 जनवरी आम करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने का आखिरी दिन है। रिटर्न फाइल करते समय सावधानी बरतें ताकि बेवजह किसी तरह की नोटिस का सामना नहीं करना पड़े।

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आम करदाता के लिए 10 जनवरी 2021 आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि
मुख्य बातें
  • 10 जनवरी 2021 आम करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने का आखिरी दिन
  • ऑडिट कराने वालों के लिए समय सीमा 15 फरवरी 2021
  • आईटीआर वेरिफाई नहीं होने पर नोटिस का करना पड़ सकता है सामना

नई दिल्ली। आम करदाताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती आईटीआर फाइल करने की होती है। कोविड की वजह से तय समय सीमा से तारीख को तीन बार बढ़ाया गया और 10 जनवरी आखिरी तारीख है। जाहिर है कि आईटीआर ऑनलाइन फाइल होने की वजह ले रश का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में तरह तरह की गलतियों की संभावना है, लिहाजा जब आईटीआर फाइल करने जा रहे हों तो धैर्य और सावधानी के साथ सही एंट्री करें। जो कुछ आवश्यक जानकारियां मांगी जाए उसे ना छिपाएं। अगर कोई जानकारी आधी अधूरी होगी तो नोटिस का सामना करना पड़ेगा। 

फॉर्म 16
फॉर्म 16 के बारे में जो पता होना चाहिए वह यह है कि इसमें दो भाग होते हैं - पार्ट ए और बी पार्ट ए वह भाग होता है जिसमें वित्तीय वर्ष में नियोक्ता द्वारा काटे गए आयकर शामिल होते हैं। अलग से, इसमें कर्मचारी का स्थायी खाता संख्या (पैन) और नियोक्ता का कर कटौती खाता संख्या (टीएएन) है। फॉर्म 16 के भाग बी में कर्मचारी के सकल वेतन की ब्रेक-अप जानकारी शामिल है।

फॉर्म 26AS
करदाता अपने फॉर्म 26AS का उल्लेख कर सकते हैं और आईटीआर दाखिल करते समय केंद्र सरकार के खजाने को दिए गए करों की राशि के लिए अपने फॉर्म 16 के साथ इसे जमा कर सकते हैं।सरकार द्वारा पिछले महीने पेश किए गए 'फॉर्म 26AS' में सुधार हुआ है। यह वित्तीय लेनदेन के विवरण (एसएफटी) में निर्दिष्ट एक व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन की विभिन्न श्रेणियों में विवरण देता है।

ब्याज आय से संबंधित प्रमाण पत्र
वेतन से आय के अलावा, एक व्यक्ति को विभिन्न ब्याज निवेशों जैसे कि बचत खाता जमा और बैंकों और पोस्ट ऑफिस से सावधि जमा से आय प्राप्त होती है। कोई शख्स बैंक / डाकघर के साथ आयोजित अपने बचत खाते से अर्जित ब्याज पर 10,000 रुपये तक की आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत कटौती का दावा कर सकता है।

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट
जो व्यक्ति पिछले वित्तीय वर्ष में निर्धारित अवधि के दौरान अपने कर-बचत निवेश को अपने नियोक्ताओं को प्रस्तुत नहीं कर सके, उन्हें अब कर कटौती का दावा करने के लिए सीधे आयकर (I-T) विभाग को इसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।इनमें जीवन बीमा (एलआईसी) प्रीमियम का भुगतान, चिकित्सा बीमा की रसीद, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पासबुक, 5 साल की एफडी रसीदें, म्यूचुअल फंड निवेश (ईएलएसएस), होम लोन चुकौती प्रमाणपत्र / स्टेटमेंट, डोनेशन पेड रसीद, ट्यूशन शामिल हैं। 

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