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Tomato rates : टमाटर की कीमत में और बढ़ोतरी, 60 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा दाम, जानिए ताजा रेट

Updated Jul 11, 2020 | 13:08 IST

Tomato prices rise : टमाटर का दाम थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस की कीमत दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
टमाटर हुआ और लाल, 60 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा दाम
मुख्य बातें
  • दिल्ली और आसपास के इलाकों में टमाटर का खुदरा भाव में काफी बढ़ोतरी हुई है
  • टमाटर की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए शायद सरकार भी अब कोई उपाय नहीं करने वाली है
  • टमाटर, प्याज, आलू जैसे कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटा दिया गया है

नई दिल्ली : टमाटर की महंगाई थमने का नाम नहीं ले रहा है। थोक बाजार में आवक बढ़ने के बावजूद टमाटर का भाव कम नहीं हो रहा है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में टमाटर का खुदरा भाव 80 रुपए प्रति किलो हो गया है। टमाटर की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए शायद सरकार भी अब कोई उपाय नहीं करने वाली है क्योंकि टमाटर, प्याज, आलू जैसे कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटा दिया गया है।

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध मूल्य के अनुसार, इस महीने में अब तक टमाटर के दाम में कोटा और गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 60 रुपये प्रति किलो बढ़ा है जबकि दिल्ली में 13 रुपये और चंडीगढ़ में 23 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है। वेबसाइट के अनुसार, कोटा, गुरुग्राम, दिल्ली और चंडीगढ़ में टमाटर का खुदरा दाम शुक्रवार को क्रमश: 80 रुपये, 70 रुपये, 62 रुपये और 45 रुपये प्रति किलो था।

दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक शुक्रवार को 307.6 टन थी जोकि एक सप्ताह में सबसे अधिक है, जबकि गुरुवार के मुकाबले 80 टन ज्यादा है, फिर भी टमाटर के मॉडल रेट में तीन रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ। मंडी में टमाटर का थोक दाम छह रुपये से 44 रुपये जबकि मॉडल रेट 29.50 रुपये प्रति किलो था। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में टमाटर का खुदरा दाम 70-80 रुपये प्रति किलो था।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान के मुताबिक, किसानों को उनके उत्पादों का उचित दाम दिलाने के मकसद से इन कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाया गया। केंद्रीय मंत्री ने एक दिन पहले एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बरसात के दिनों में अक्सर उत्पादक क्षेत्रों में इन कृषि उत्पादों की कीमतें कम रहती थीं जबकि शहरों में इनके दाम बढ़ जाते थे। कारोबारी बताते हैं कि इस बार बरसात के साथ-साथ डीजल के दाम में हुई वृद्धि भी एक बड़ी वजह है जिसके कारण आवक बढ़ने के बावजूद टमाटर का दाम कम नहीं हो रहा है।
 

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