- टमाटर की खुदरा कीमतें लगातार चढ़ती जा रही हैं
- मदर डेयरी के सफल स्टोर, बिगबास्केट व ग्रोफर जैसे ई-विक्रेताओं के यहां भी तेजी देखी जा रही है
- केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि टमाटर की कीमत में उतार-चढ़ाव खराब मौसम की वजह से हुआ है।
Tomato price today : आर्थिक लिहाज से कठिन चले रहे इस समय में आपूर्ति कम होने से टमाटर की खुदरा कीमतें लगातार चढ़ती जा रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को खुदरा बाजार में टमाटर 70 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। दिल्ली में टमाटर एक जून से सप्ताह दर सप्ताह 10-10 रुपए प्रति किलो महंगा हो रहा है। यह वृद्धि न सिर्फ असंगठित खुदरा बाजार में हो रही है, बल्कि मदर डेयरी के सफल स्टोर तथा बिगबास्केट व ग्रोफर जैसे ई-विक्रेताओं के यहां भी तेजी देखी जा रही है।
खुदरा बाजार में टमाटर 70 रुपए किलो के आस-पास
रविवार को बिग बास्केट 60 से 66 रुपए किलो और ग्रोफर्स 53 से 55 रुपए किलो की दर से टमाटर बेच रही थी। कारोबारियों ने बताया कि असंगठित खुदरा बाजार में इलाके और गुणवत्ता के हिसाब से टमाटर 70 रुपए किलो के आस-पास चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पादक राज्यों से आपूर्ति ठीक नहीं होने के कारण थोक मंडियों में भी टमाटर के भाव ऊपर चल रहे हैं। व्यापारियों ने कहा कि दक्षिणी भारत के उत्पादक राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि ने कुछ इलाकों में फसल की कटाई को बाधित किया है।
खराब मौसम की वजह से टमाटर कीमतों में उतार चढ़ाव
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों में न सिर्फ दिल्ली में बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी टमाटर की कीमतों में तेजी देखी गई है। पिछले हफ्ते, उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि टमाटर की कीमत में उतार-चढ़ाव खराब मौसम की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा था कि उपज खराब रही है। एक्सपर्ट ने कहा कि आम तौर पर साल के इस समय टमाटर की कीमतें तेजी से बढ़ती हैं और पिछले पांच साल के आंकड़ों में भी यही रुख दिखता है।
इन राज्यों में टमामटर के उत्पादन से अधिक खपत
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश टमाटर उत्पादन वाले ऐसे राज्य हैं, जिनकी खपत उनके उत्पादन से अधिक है। ये राज्य आपूर्ति के लिए अधिशेष उत्पादक राज्यों पर निर्भर करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सालाना करीब 197.3 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत करीब 115.1 लाख टन है।