- अब बैंक या डाकघर TDS रेट का पता लगा सकता है
- सिर्फ उस व्यक्ति का पैन भरना होगा, जो कैश निकासी कर रहा है
- पैन नंबर इंटर करने पर डिपार्टमेंटल सिस्टम पर तुरंत एक मैसेज नजर आएगा
TDS on Cash Withdrawal : कोरोना काल में इनकम टैक्स डिपर्टमेंट ने कई नियमों में बदलाव किए हैं। एक और नियम में बदलाव करते हुए बैंकों और डाकघरों को एक नई सुविधा दी गई है। इनकम टैक्स डिपर्टमेंट ने कहा कि बैंकों और डाकघरों को एक नई सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसके जरिये इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों (नॉन फाइलर्स) के केस में 20 लाख रुपए से अधिक और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों के मामले में 1 करोड़ रुपए से अधिक कैश निकासी पर लागू TDS रेट का पता लगाया जा सकता है। अभी तक इस सुविधा से 53,000 से ज्यादा वेरिफिकेशन अनुरोधों को पूरा किया जा चुका है।
CBDT ने कहा कि www.incometaxindiaefiling.gov.in पर 1 जुलाई, 2020 से अप्लीकेबिलिटी यू/एस 194एन के वेरिफिकेशन के रूप में वेब सीरीज के जरिए से बैंकों को भी यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है, जिससे यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक हो सकती है और इसे बैंक के आंतरिक कोर बैंकिंग समाधान से जोड़ा जा सकता है।
ऐसे पता लगाया जाएगा TDS रेट
इस सुविधा के बारे में विस्तार से बताते हुए CBDT ने कहा कि अब बैंक या डाकघर को TDS रेट का पता लगाने के लिए सिर्फ उस व्यक्ति का पैन भरना होगा, जो कैश निकासी कर रहा है। पैन नंबर इंटर करने पर डिपार्टमेंटल सिस्टम पर तुरंत एक मैसेज नजर आएगा। अगर कैश निकालने वाला इनकम टैक्स रिटर्न भरता है और 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश निकासी करता है तो 2% की रेट से TDS कटौती होगी। अगर कैश निकालने वाला इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरता है और 20 लाख रुपए से ज्यादा कैश निकासी करता है तो 2% की रेट से और अगर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा निकासी करता है तो 5% की रेट से TDS कटौती होगी।
भारी मात्रा में कैश निकाल रहे हैं टैक्स रिटर्न नहीं भरने वाले
CBDT ने कहा कि कैश निकासी से जुड़े डाटा से संकेत मिलता है कि जिन लोगों द्वारा भारी मात्रा में कैश निकासी की जा रही है, उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न कभी दाखिल नहीं किया है। इन लोगों द्वारा रिटर्न भरा जाना सुनिश्चित करने और इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों की कैश निकासी पर नजर रखना तथा कालेधन पर रोक के लिए वित्त अधिनियम, 2020 में इनकम टैक्स अधिनियम में संशोधन करते हुए इनकम नहीं भरने वालों के लिए 20 लाख रुपए से अधिक की कैश निकासी पर इस TDS की निचली सीमा लागू करने का प्रावधान किया गया और इनकम टैक्स नहीं भरने वालों द्वारा 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश निकासी पर 5% की ऊंची दर से TDS काटने का प्रावधान किया गया। नए नियम 1 जुलाई, 2020 से लागू हो गए हैं।
गौर है कि कैश लेनदेन को हतोत्साहित करने और कम कैश वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढाने के क्रम में 1 सितंबर, 2019 से लागू वित्त (संख्या 2) अधिनियम, 2019 में इनकम टैक्स एक्ट धारा 194 एन शामिल करते हुए एक बैंक या डाकघर खातों से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कैश निकासी पर 2% की दर से TDS लगाने की व्यवस्था की गई थी। हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी शामिल थे।