नई दिल्ली: कोरान वायरस ने पूरी दुनिया में अपना कहर बरपा रखा है। महामारी का असर वैश्विक अर्थव्यस्था पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही अब इसके चलते कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार भी संकट के दौर में पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल का भाव सोमवार को गिर कर शून्य डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच गया। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। अधिकतर देशों में लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के कारण दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग बेहद घट गई है।
इससे पहले दिन में बाजार खुलने पर भाव यह 10.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था जो 1986 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था। कोरोना वायरस संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं। व्यापारियों ने कहा कि कीमत में यह गिरावट चिंताजनक है क्योंकि मई डिलीवरी के अनुबंधों का निस्तारण सोमवार शाम तक कर दिया जाना है लेकिन कोई निवेशक तेल की वास्तविक डिलिवरी लेना नहीं चाह रहा है।
अमेरिका कोरोना से सबसे अधिक प्राभवित
दुनिया में कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार अमेरिका झेल रहा है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका वायरस के आगे बेबस दिख रहा है। अमेरिका में कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 41 हजार को पार गई है। वहीं, अब तक कुल 7 लाख 65 हजार से अधिक लोग वायरस से संक्रमित है। अमेरिका में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित न्यूयॉर्क है जहां संक्रमण के 2 लाख 40 हजार से अधिक मामले हैं। न्यूयॉर्क में अब तक 17,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।