- मोराटोरियम अवधि उधारकर्ताओं बेहतर योजना बनाने की अनुमति देती है।
- इसके लिए अपनी ईएमआई का भुगतान करने का ऑप्शन चुनना होगा।
- जानिए इसके फायदे और नुकसान।
कोरोना संकट में पैसों की कमी जूझ रहे लोगों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने राहत देने का एलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 मई, 2020 तक बैंकों को टर्म लोन की अदायगी के लिए तीन महीने के लिए लोन मोराटोरियम की पेशकश करने की सलाह दी है। हालांकि, आरबीआई ने इस मोराटोरियम अवधि को और तीन महीने के लिए 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस तरह मोराटोरियम के लिए उधार लेने वालों को एक निश्चित अवधि के लिए लोन पर ईएमआई का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही आरबीआई ने क्रेडिट सूचना कंपनियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उधारकर्ताओं के क्रेडिट स्टोर पर असर न पड़े।
वहीं अगर आप सोच रहे हैं कि मोराटोरियम का मतलब ब्याज को रद्द या माफ करना तो गलत सोच रहे हैं। लोन में वाहन लोन, होम लोन, कृषि लोन और बहुत कुछ से लेकर सभी प्रकार के रिटले लोन शामिल होंगे। क्रेडिट कार्ड भी मोराटोरियम के लिए पात्र होंगे। इस तरह मोराटोरियम अवधि उधारकर्ताओं को अपने फाइनेंस की बेहतर योजना बनाने की अनुमति देती है। इसके लिए आपको नियमित रूप से अपनी ईएमआई का भुगतान करने का ऑप्शन चुनना होगा। अगर लोन मोराटोरियम के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो उससे पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान
लोन मोरेटोरियम के फायदे
- मोरेटोरियम फाइनेंशियल स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं, खासकर कोरोनो वायरस के संकट के दौरान। यह उधारकर्ताओं को पैसों की कमी के बीच खड़े होने का मौका देता है। यह इस तरह लोगों को राहत देता है, ताकी लोग अपने फंड को आवश्यक जरूरतों के लिए ध्यान लगा सकते हैं।
- इसके अलावा, अगर आप मोरेटोरियम का लाभ उठाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित नहीं होगा और आपको डिफॉल्टर के रूप में रिपोर्ट नहीं किया जाएगा। इसी तरह आपके लोन का भुगतान नहीं करने से आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे यह आपके भविष्य के लोन के लिए फायदेमंद होगा जहां आप आसानी से लोग प्राप्त कर सकते हैं।
- साथ ही, बैंक कर्ज नहीं चुकाने पर भी कोई जुर्माना भी नहीं लगाएगा।
लोन मोरेटोरियम के नुकसान
- लोन मोरेटोरियम छूट नहीं है और आपको बाद में ईएमआई का भुगतान करना होगा। इसमें ईएमआई छह महीने के लिए टाल दी जाएगी, लेकिन ब्याज बकाया राशि पर जमा होता रहेगा, जिससे मासिक किस्त या लोन की अवधि बढ़ जाएगी। इस तरह, आपको उसके अनुसार प्रावधान करना चाहिए।
- होम लोन जैसे लॉन्ग टर्म लोन वाले लोग, आपका लोन का कार्यकाल बढ़ सकता है। इस तरह अगर आप लोन मोरेटोरियम सुविधा का लाभ उठाते हैं, तो आपको लोन अवधि के दौरान अधिक ब्याज देना पड़ सकता है।
- इसके अलावा, अगर आप दो ईएमआई को टालते हैं, तो आपका लोन 6-10 महीने तक बढ़ सकता है।
- वर्तमान ब्याज राशि की तुलना में, लोन पर देय ब्याज अधिक होगा और टैक्स के निहितार्थ भी होंगे।