पैसों को अच्छी तरह इन्वेस्ट करने पर जिम्मेदारियों और जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी रकम तैयार करने में मदद मिल सकती है। मौजूदा कोविड-19 वैश्विक-महामारी के कारण सेविंग्स का महत्व बढ़ गया है। फिक्स्ड डिपोजिट (FD) अपने पैसों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ सुनिश्चित रिटर्न पाने के सबसे आसान तरीकों में से एक है। FD इंटरेस्ट रेट कम होने के बावजूद, फाइनेंसियल मार्केट्स में हालिया उथल-पुथल के कारण लोगों को अपने पैसों को सुरक्षित रखने और सुनिश्चित रिटर्न पाने का महत्व समझ में आ गया है। यह मुश्किल समय के लिए पैसे बचाकर रखने का बढ़िया तरीका है। बैंक डिपोजिट पर ज्यादा-से-ज्यादा लाभ कमाने के लिए निम्नलिखित टिप्स और ट्रिक्स का इस्तेमाल करें।
फिक्स्ड डिपोजिट क्या है?
यह एक लम्प सम इन्वेस्टमेंट है जिसके तहत एक बैंक/कंपनी में एक फिक्स्ड पीरियड के लिए पैसे रखने पड़ते हैं। बैंक के लिए यह एक डेब्ट के समान होता है जिस पर उसे समय-समय पर या डिपोजिट टेन्योर के अंत में इंटरेस्ट देना पड़ता है। टेन्योर के अंत में इंटरेस्ट के साथ इन्वेस्टमेंट अमाउंट भी वापस मिल जाता है। FD दो तरह के होते हैं - क्यूमुलेटिव और नॉन-क्यूमुलेटिव। क्यूमुलेटिव FD में, प्रिंसिपल अमाउंट के साथ-साथ इंटरेस्ट अमाउंट पर भी इंटरेस्ट जुड़ता रहता है जो FD टेन्योर के अंत में वापस मिलता है। नॉन-क्यूमुलेटिव FD में, हर महीने, हर तीन महीने, या हर साल, इंटरेस्ट दे दिया जाता है।
FD में क्यों इन्वेस्ट करें?
FD रिटर्न, इन्वेस्टमेंट टेन्योर पर डिपेंड करता है जो 7 दिन से 10 साल तक का होता है। मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट, अलग-अलग बैंक में अलग-अलग होता है जो 1,000-5,000 रुपए तक होता है। इंटरेस्ट रेट, अलग-अलग बैंक और टेन्योर पर डिपेंड करता है जो 2.35-10% प्रतिवर्ष तक हो सकता है जो रेगुलर सेविंग्स बैंक अकाउंट्स से ज्यादा ही होता है। यह एक कम रिस्की इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जो रिस्क-परहेजी इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा होता है। इसका सबसे बड़ा रिस्क, आपके डिपोजिट वाले बैंक या कंपनी की बर्बादी या दिवालियापन से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, पिछले साल एक सहकारी बैंक के साथ भी ऐसा ही हुआ था जब RBI ने उसमें एक धोखाधड़ी का पता चलने पर उस पर कुछ पाबंदियां लगा दी थी। इससे बैंक डिपोजिटर्स अपनी सेविंग्स नहीं निकाल पा रहे थे। हर इन्वेस्टमेंट की तरह FD में भी कुछ रिस्क होता है जो मार्केट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट्स जैसे शेयर और म्यूच्यूअल फंड्स की तुलना में बहुत कम होता है।
ज्यादा-से-ज्यादा लाभ उठाने की रणनीति
अपने FD को डाइवर्सिफाई करें: एक से अधिक बैंकों में डिपोजिट करना, FD में इन्वेस्ट करने का बढ़िया तरीका है। सरकारी और प्राइवेट बैंकों के FD पर 3-7% रिटर्न मिलता है लेकिन कई सहकारी और छोटे बैंकों के इंटरेस्ट रेट उनसे 1-2% अधिक होते हैं। यदि आप ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहते हैं और आपकी रिस्क उठाने की क्षमता अधिक है तो आप अपने रिस्क का मूल्यांकन करने के बाद कम और ज्यादा रिटर्न देने वाली डिपोजिट स्कीमों में FD कर सकते हैं। यदि आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आप छोटे बैंकों में FD कर सकते हैं। लेकिन बैंक की स्टेबिलिटी के बारे में जान लें और अपने रिस्क को जाने लें।
FD लैडरिंग: यह FD का ज्यादा-से-ज्यादा लाभ उठाने का एक बढ़िया तरीका है। इससे आप अलग-अलग मैच्योरिटी वाले एक से अधिक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में इन्वेस्ट करके एक इन्वेस्टमेंट लूप तैयार कर सकते हैं। आप अपने लम्प सम इन्वेस्टमेंट अमाउंट को अलग-अलग मैच्योरिटी वाले एक से अधिक FD में डिपोजिट कर सकते हैं। FD लैडरिंग, लम्बे समय में इंटरेस्ट रेट को एवरेज करने और भविष्य में ज्यादा इंटरेस्ट का लाभ उठाने में मदद करता है। फाइनेंसियल इमरजेंसी आने पर, आप अपनी जरूरत के अनुसार किसी एक FD को तोड़ सकते हैं। इससे लिक्विडिटी को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद मिलती है। FD को समय से पहले तोड़ा जा सकता है लेकिन उस पर बैंक/कंपनी के नियमों एवं शर्तों के आधार पर उसके इंटरेस्ट पर एक पेनाल्टी देनी पड़ती है। FD लैडरिंग, समय से पहले FD तोड़ने से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है।
आइदर या सर्वाइवर मोड वाला FD: कोई FD अकाउंट खोलते समय, आप यह मोड या ऑप्शन चुन सकते हैं ताकि इमरजेंसी में पैसे की समस्या न रहे। इसके लिए, आप एक भरोसेमंद फैमिली मेंबर के साथ जॉइंट FD कर सकते हैं जो इमरजेंसी में आपकी गैर-मौजूदगी में FD का इस्तेमाल कर सके।
बैंक का FD इंटरेस्ट रेट कम हो गया है। लेकिन ऐसे अनिश्चित समय में पैसे को सुरक्षित रखना ज्यादा जरूरी हो गया है। इसलिए आप उपरोक्त किसी भी रणनीति का इस्तेमाल करके अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए उसे FD में इन्वेस्ट कर सकते हैं। एक इफेक्टिव फाइनेंसियल पोर्टफोलियो के लिए डायवर्सिफिकेशन जरूरी है। इसलिए FD में इन्वेस्ट करते समय, अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों और रिस्क क्षमता के अनुसार अन्य उपायों पर भी विचार करें।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)