- उपभोक्ता जब बिल से सर्विस चार्ज हटाने का अनुरोध करते हैं, तो उन्हें गुमराह किया जाता है।
- रेस्टोरेंट इस तरह के शुल्क को वैध ठहराने की कोशिश करते हैं।
- इस मामले को विभाग ने बारीकी और विस्तार से जांचने का फैसला किया है।
Restaurant Service Charge: जन्मदिन हो या एनिवर्सरी, आजकल हर छोटी- बड़ी सेलिब्रेशन में लोग रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं। रेस्टोरेंट में खाने का स्वाद को सबको अच्छा लगता है लेकिन जब इसका बिल आता है तो कुछ ग्राहकों को अच्छा नहीं लगता, क्योंकि इसमें कई शुल्क भी शामिल होते हैं। रेस्टोरेंट मनमाने तरीके से उच्च दरों पर चार्ज लगाते हैं।
कब दें और कब ना दें सर्विस चार्ज?
अगर आपको सर्विस चार्ज बिल में जोड़कर दिया जा रहा है और आप ये चार्ज नहीं देना चाहते हैं, तो इसका विरोध कर सकते हैं। वहीं अगर आप अपनी इच्छा से सर्विस चार्ज का भुगतान करना चाहते हैं, तो फिर कोई बात नहीं, आप दे सकते हैं।
सर्विस चार्ज का गोलमाल
रेस्टोरेंट हर कस्टमर से सर्विस चार्ज वसूलता है। ग्राहक शिकायत कर रहे हैं कि सर्विस चार्ज को वैध ठहराने की कोशिश की जाती है। कई ग्राहकों का मानना है कि सर्विस चार्ज को बिल में पहले ही जोड़ना सही नहीं है। इस संदर्भ में प्राइड होटल्स के फाउंडर और एमडी एसपी जैन और कंज्यूमर एक्टिविस्ट जहांगीर घई ने ईटी नाउ स्वदेश को बताया कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक होता है। सर्विस चार्ज बरसों से लग रहा है। ये टिप का सब्स्टिट्यूट है। मतलब
शिकायतों के अंबार के बाद जागी सरकार!
इस मामले में अब 2 जून 2022 को उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (NRAI) के साथ बैठक करेगा। यह बैठक रेस्टोरेंट द्वारा ग्राहकों से जबरन सर्विस चार्ज वसूलने की शिकायतों के मद्देनजर बुलाई गई है। इस संदर्भ में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने एनआरएआई अध्यक्ष को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लिखा कि ग्राहकों को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है। बैठक में मंत्रालय होटलों द्वारा किसी अन्य शुल्क या उसकी आड़ में सर्विस शुल्क को बिल में शामिल करने के मामले पर चर्चा करेगा।