- भारत ने पहली बार 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स पेश किया था।
- इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में गिरावट आने लगी है।
नई दिल्ली। 1 सितंबर 2022 से सरकार ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Profit Tax) को बढ़ा दिया है। इसे 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। पहले यह 7 रुपये प्रति लीटर था। इसके साथ ही विमानों के संचालन में इस्तेमाल होने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर भी अप्रत्याशित लाभ कर को बढ़ायहा गया है। आज से यह बढ़कर नौ रुपये प्रति लीटर हो गया है। 31 अगस्त 2022 तक यह 2 रुपये प्रति लीटर था।
घरेलू कच्चे तेल पर भी बढ़ा टैक्स
इतना ही नहीं, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से बुधवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Price) पर भी टैक्स बढ़ाया गया है। आज से यह 300 रुपये प्रति टन बढ़कर 13,300 रुपये कर दिया गया है।
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पहले इतना बढ़ा था टैक्स
18 अगस्त को अपनी तीसरी समीक्षा में केंद्र ने डीजल निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर कर दिया था, जो पहले 5 रुपये प्रति लीटर था। इसके अतिरिक्त, विमानन टरबाइन ईंधन के निर्यात पर 2 रुपये प्रति लीटर कर लगाया जा रहा था।
केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में बदलाव और मूल्य वृद्धि की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए घरेलू स्तर पर उत्पादित तेल पर टैक्स में मामूली वृद्धि की है। विंडफॉल टैक्स में नवीनतम संशोधन ऐसे समय में किया गया है जब चीन में कोविड-19 की वजह से लगाए गए अंकुश के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की चिंता है और इससे तेल की कीमत में कमी आई है।
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