- ग्लोबल प्राइम रेसिडेंशियल मार्केट ने 2020 में कीमतों में 1.9% की बढ़ोतरी दर्ज की
- टॉप 10 प्राइम रेसिडेंशियल मार्केट में ऑस्ट्रेलेशिया, एशिया और यूरोप के शहरों का दबदबा
- दिल्ली (-0.1%), मुंबई (-1.5%), बैंगलुरु (-2.0%) के प्राइम प्रॉपर्टी मार्केट में कीमतों में वार्षिक गिरावट दर्ज की गई है
मुंबई : महामारी के कारण घरों की कीमतों में वृद्धि हो रही है। नाइट फ्रैंक के प्राइम इंटरनेशनल रेसिडेंशियल इंडेक्स (पीआईआरआई 100) के अनुसार, ग्लोबल प्राइम रेसिडेंशियल की कीमतों में साल दर साल 1.9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2020 में उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन लक्जरी हाउसिंग मार्केट का रहा है और पीआईआरआई में शामिल किए गए 100 मार्केट में से 66 मार्केट में कीमतों में 2% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। पीआईआरआई 100 द्वारा दुनिया के शीर्ष रेसिडेंशियल मार्केट्स लक्जरी रेसिडेंशियल की कीमतों पर नजर रखी जाती है।
लक्जरी रेसिडेंशियल कीमतों के हिसाब से वैश्विक स्तर पर दिल्ली को 72वां स्थान प्राप्त हुआ जो बेहद कम अंतर से साल 2020 में 0.1% साल दर साल निचले स्तर पर ही रहा। प्राइम रेसिडेंशियल की कीमतों में मुंबई (77वां स्थान) और बैंगलुरु (79वां स्थान) ने क्रमश: 1.5% और 2% की गिरावट दर्ज की। पीआईआरआई 100 सूची के संदर्भ में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर ने वार्षिक कीमतों में साल दर साल 17.5% की वृद्धि दर्ज कर तालिका में सबसे अव्वल स्थान हासिल किया, जबकि सारी दुनिया में अर्जेंटिना का ब्यूनस आयर्स सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां वार्षिक कीमतों में 12% की गिरावट देखी गई।
पीआईआरआई: दिसंबर 2019 से दिसंबर 2020 तक लक्जरी रेसिडेंशियल मार्केट प्रदर्शन, वार्षिक कीमतों में बदलाव। कीमतों में सभी बदलाव स्थानीय मुद्रा में हैं।
केट इवरेट-ऐलन, नाइट फ्रैंक में इंटरनेशनल रेसिडेंशियल रिसर्च की प्रमुख, ने कहा कि सेकंड होम से की जाने वाली उम्मीदों में बढ़ोतरी हो रही है। घरों से काम करने को लेकर ज्यादा लचीलेपन के साथ, घरों के मालिक उनके रहने के समय को लंबा कर रहे हैं और इनमें से कई अब इन्हें ‘को-प्राइमरी’ होम की तरह देख रहे हैं। तेज ब्रॉडबैंड से लेकर सिनेमा रूम, जिम और ए-ग्रेड टेक्नोलॉजी तक ऐसी कई माँगों की सूची है जिसे अब सेकंड होम को पूरा करना है।
1 मिलियन डॉलर कितनी जगह खरीद सकता है?
दुनिया के सबसे महंगे शहर के तौर पर मोनाको की बादशाहत जारी है जहां 2020 में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से आपको 15 वर्ग मीटर की जगह मिल सकती है। इसकी तुलना में मुंबई में आप 106 वर्ग मीटर (1141 वर्ग फुट) की प्राइम रेसिडेंशियल रियल एस्टेट खरीद सकते हैं जो साल 2019 में 102 वर्ग मीटर की तुलना में 3.7% की वृद्धि है।
शिशिर बैजल, चेयरमैन तथा मैनेजिंग डायरेक्टर, नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि साल 2020 एक ऐसा साल रहा है जिसमें कोविड-19 के प्रभाव से न सिर्फ रियल एस्टेट उद्योग में मंदी देखी गई बल्कि यह संपूर्ण अर्थव्यवस्था में भी रही। महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार द्वारा स्टैम्प ड्यूटी में कटौती के नीतिगत फैसलों ने महामारी के कारण हुए नुकसान को संतुलित करने का काम किया है। साल 2020 की चौथी तिमाही में लक्जरी घरों की बिक्री में जबरदस्त तेजी देखी गई और साल 2021 के लिए मांग की संपूर्ण स्थिति संभलने में समर्थ बनी हुई है। घरेलू और इसके साथ ही वैश्विक अमीर व्यक्तियों के लिए भारतीय शहरों में लक्जरी रेसिडेंशियल संपत्ति खरीदने के लिए मौजूदा मार्केट की कीमतें एक प्रीमियम मूल्य पेश करती हैं।
दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरु के लिए पिछले 5 वर्षों में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ खरीदे जा सकने वाला क्षेत्र (वर्ग मीटर में)
1 मिलियन अमेरिकी डॉलर* से प्रमुख शहरों में कितने वर्ग मीटर प्राइम प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है?
प्राइम रेसिडेंशियल रियल एस्टेट के लिए प्रमुख कारक
नाइट फ्रैंक की आगामी वेल्थ रिपोर्ट 2021 के अनुसार पूरे विश्व में अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (ऐसे व्यक्ति जिनकी कुल संपत्ति उनके प्राइमरी रेसिडेंस के साथ 30 मिलियन डॉलर से ज़्यादा हो) के 26% लोग 2021 में उनके प्रमुख घरों को अपग्रेड करने की प्रमुख इच्छा के साथ एक घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। वैश्विक स्तर पर महामारी ऐसे जगहों पर घरों की मांग में बढ़ोतरी का काम कर रही है जो बेहतर सेहत को बहुतायत में पेश करते हैं। जैसे पहाड़, झीलें और समुद्र तट वाले हॉटस्पॉट्स। रिपोर्ट में इस पर भी जोर दिया गया है कि भारत के बेहद अमीर श्रेणी वाले 19% लोग 2021 में एक खरीदने पर विचार कर रहे हैं।