- शेयर बाजारों के लिए यह साल काफी घटनाक्रमों वाला रहा है।
- इस साल कई कारकों से शेयर बाजार में तेजी आई है।
- लार्ज कैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप बहुत तेजी से बढ़े।
Year Ender 2021: ना सिर्फ भारतीय शेयर बाजार के लिए, बल्कि वैश्विक बाजार के लिए भी यह साल काफी घटनाक्रमों वाला रहा है। मार्च 2020 में भारत में कोरोना वायरस महामारी ने दस्तक दी थी। तब से घरेलू बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आया है। साल 2021 में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने घरेलू बाजार में तहलका मचा दिया।
1 जनवरी 2021 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 47,868.98 पर बंद हुआ था। वहीं इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 14,868.50 के स्तर पर था। अब 2021 के आखिरी महीने में सेंसेक्स जनवरी के मुकाबले काफी बढ़ चुका है। फिलहाल सेंसेक्स 58,800 के करीब कारोबार कर रहा है। निफ्टी भी जनवरी 14,868.50 के मुकाबले अब 17,550 के करीब कारोबार कर रहा है।
आइए Share India Securities के उपाध्यक्ष और हेड ऑफ रिसर्च रवि सिंह के अनुसार जानते हैं कि इस साल किन कारकों से बाजार में तेजी आई और किन मल्टीबैगर शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया-
ये रहे 2021 के मल्टीबैगर स्टॉक
रवि सिंह ने बताया कि, 'बीएसई 500 के बालाजी एमाइंस (Balaji Amines), हैप्पीएस्ट माइंड्स (Happiest Minds) और दीपक फर्टिलाइजर्स (Deepak Fertilisers) ने 2021 में भारी रिटर्न दिया है और ये 2021 के मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stock) रहे हैं। वहीं स्मॉल और मिड कैप सेगमेंट में सीडीएसएल (CDSL), मास्टेक (Mastek) और रूट मोबाइल (Route Mobile) ने भी बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया है।'
2021 में इन कारकों से आई वृद्धि
2021 में बाजार में बढ़त के प्रमुख कारकों में मैक्रो संकेतक, मजबूत वैश्विक तरलता, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि, टीकाकरण में वृद्धि, खपत से संबंधित डेटा में सुधार और कॉर्पोरेट आय में तेज सुधार शामिल थे।
लार्ज कैप की तुलना में सस्ता होने के कारण, आर्थिक सुधार में मिड और स्मॉल कैप बहुत तेजी से बढ़े। सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए मौद्रिक तरलता के साथ-साथ इन क्षेत्रों में FPI और खुदरा भागीदारी की बढ़ती रुचि से क्षेत्रों को लंबी अवधि में लाभ होगा। विनिर्माण और बुनियादी ढांचे में अधिक सरकारी रिफॉर्म्स पाइपलाइन में हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मिड और स्मॉल कैप में स्टॉक अगले साल भी बढ़ेंगे।