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Yes Bank crisis: क्या राणा कपूर की बेटियों की कंपनी और डीएचएफएल के बीच था कोई संबंध

Updated Mar 08, 2020 | 16:38 IST

क्या येस बैंक की बर्बादी के स्क्रिप्ट राइट राणा कपूर और उनसे जुड़े हुए खास लोग थे। प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है और जो जानकारियां सामने आ रही हैं वो चौंकाने वाली है।

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2003 में अस्तित्व में आया था येस बैंक
मुख्य बातें
  • येस बैंक से 50 हजार रुपये की निकासी पर लगी है रोक
  • बैलेंसशीट समेत तमाम तरह की गड़बड़ियों के बाद रिजर्व बैंक ने एक महीने के लिए लगाई है रोक
  • बैंक के मुख्य प्रमोटर राणा कपूर 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में

नई दिल्ली। YES बैंक की कहानी 2003 से शुरू होती है। महज 18 साल के सफर में यह बैंक बुलंदियों को छूता है लेकिन विवादों के बीच। पिछले गुरुवार को जब आरबीआई ने 50 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी तो यह साफ हो गया कि मामला संगीन है। येस बैंक के एटीएम के सामने हजारों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। इस बीच येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर पर शिकंजा कसा और उन्हें 11 मार्च तक हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन कुछ और जानकारियां सामने आ रही हैं जिससे पता चलता है कि एक न एक दिन तो इस तरह के हालात का सामना निवेशकों को करना पड़ता। 

डीएचएफएल और अर्बन वेंचर्स के बीच कनेक्शन
नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक राणा कपूर की बेटियां कहीं न कहीं येस बैंक की पतन की कहानी में भागीदार हैं। प्रवर्तन निदेशालय की जांच इस दिशा में बढ़ रही है कि क्या उनकी दोनों बेटियों की डमी कंपनी अर्बन वेंचर्स ने डीएएचएफएल को लोन मुहैया कराने के एवज में 600 करोड़ की रिश्वत ली थी। दरअसल सवाल यह उठ रहा है कि डीएचएएल को जो करीब 4450 करोड़ रुपए लोन येस बैंक की तरफ से दिया गया वो एनपीए बन चुका था और उसी सिलसिले में राणा कपूर की बेटियों की कंपनी को 600 करोड़ मिले थे। 

एनपीए घोषित करने का खेल
येस बैंक की तरफ से डीएचएफएल को 3750 करोड़ रुपये और उसकी ही एक कंपनी को 750 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था और जब वापसी नहीं हुई तो उसे एनपीए में डाल दिया गया और उसके लिए राणा कपूर की बेटियों की डमी कंपनी के जरिए रिश्वत दी गई। ईडी को शक है कि डीएचएफएल के साथ साथ 79 और डमी कंपनियां हैं जो इस तरह के गोरखधंधे में शामिल हैं। 

2017 में आरबीआई को हुआ शक लेकिन..
आरबीआई को साल 2017 में इस बात का शक होने लगा था कि कहीं न कहीं येस बैंक के प्रमोटर्स की तरफ से बैलेंसशीट में गड़बड़झाला किया जा रहा है। आंतरिक जांच में जब इस बात की पुष्टि हुई कि बैड लोन के लिए खुद राणा कपूर जिम्मेदार हैं तो उन्हें कंपनी के सीईओ पद से हटना पड़ा। यहीं नहीं येस बैंक पर 1 करोड़ का जुर्माना भी लगा। लेकिन इसके बाद बैंक की सेहत ज्यादा खराब हो गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों और खाताधारकों को भरोसा दिलाया है कि डरने की जरूरत नहीं। लेकिन इस विषय पर सियासत भी शुरू हो चुकी है। 

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