नई दिल्ली: येस बैंक संकट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि उनका धन सुरक्षित है। उन्होंने कहा, 'मैं भरोसा दिलाना चाहती हूं कि येस बैंक के हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है, मैं रिजर्व बैंक के साथ लगातार संपर्क में हूं। रिजर्व बैंक ने मुझे भरोसा दिलाया है कि येस बैंक के किसी भी ग्राहक को कोई नुकसान नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कियेस बैंक के मुद्दे को रिजर्व बैंक और सरकार विस्तृत तौर पर देख रहे हैं, हमने वह रास्ता अपनाया है जो सबके हित में होगा। येस बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपए की सीमा में पैसा निकालना सुनिश्चित करना सबसे पहली प्राथमिकता है। रिजर्व बैंक एक नियामक के तौर पर येस बैंक के मुद्दे का तेजी से समाधान करने की दिशा में काम कर रहा है, यह कदम जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में उठाए गए हैं।
इससे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने भी कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है और बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
प्रशांत कुमार येस बैंक के प्रशासक नियुक्त
दरअसल, आरबीआई ने येस बैंक के ग्राहकों पर महीने में 50,000 रुपए से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है। नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
नहीं निकल रहे ATM से पैसे
हालांकि इस फैसले के बाद से ही लोगों को एटीएम से पैसे निकालने में परेशानी हो रही है। कई जगह एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई हैं। कई जगह पैसा खत्म हो गया है। ग्राहकों का कहना है कि किसी भी एटीएम में बैंक कार्ड काम नहीं कर रहा है। इसके अलावा लोग इंटरनेट बैंकिंग भी नहीं कर पा रहे हैं। फंड ट्रांसफर करने के लिए UPI सेवाओं का उपयोग करने वाले भी प्रभावित हुए हैं।
बैंक के ऑनलाइन बैंकिंग पेज पर मैसेज आ रहा है, 'प्रिय ग्राहक, हमारे नेट बैंकिंग पर भारी ट्रैफिक के कारण, हम आपके अनुरोध को स्वीकार करने में अस्थायी रूप से असमर्थ हैं। कृपया बाद में पुनः प्रयास करें या अपने लेनदेन को करने के लिए YES मोबाइल ऐप का उपयोग करें।' नतीजतन, कल शाम 6 बजे से निकासी रोक लगाए जाने के बाद अधिकांश येस बैंक ग्राहक ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने में विफल रहे हैं।