- बैंक में एक सीमा तक ही होती है जमा धनराशि की सुरक्षा गारंटी
- RBI के निर्देश पर होता है बीमा, बैंक के दिवालिया होने डूबने से बच जाता है पैसा
- येस बैंक पर संकट के बाद चिंता में ग्राहक, रिजर्व बैंक ने तय की सीमा
नई दिल्ली: येस बैंक इन दिनों चर्चा में बना हुआ है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से सीमा तय कर दी गई है। गुरुवार शाम येस बैंक पर रोक लगाते हुए आरबीआई ने उसके बोर्ड को भंग कर दिया है और 3 अप्रैल तक निकासी की सीमा भी 50 हजार रुपए तय कर दी गई है। ऐसे में बैंक के ग्राहक चिंता में पड़ गए हैं और उन्हें बैंक में जमा अपनी पूंजी की फिक्र सता रही है। हालांकि रिजर्व बैंक और साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ऐसा आश्वासन दिया गया है कि बैंक में जमा ग्राहकों की राशि पूरी तरह से सुरक्षित है।
ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आ सकता है कि क्या बैंक में जमा पूरा पैसा सुरक्षित नहीं होता है? क्योंकि जैसा संकट येस बैंक पर आया है वैसा किसी और बैंक पर भी आ सकता है और अगर कोई बैंक डिफॉल्ट कर जाए या फिर दिवालिया घोषित हो जाए तो बैंक के डूबने पर पूरी रकम सुरक्षित रहेगी या नहीं। बैंक में जमा कितना पैसा सुरक्षित माना जा सकता है?
इन सवालों के जवाब में आपको बता दें कि बैंक में जमा राशि के सुरक्षित होने की एक सीमा होती है और उस राशि के आगे जमा पूंजी की कोई गारंटी नहीं है। दूसरे शब्दों में ग्राहकों की पूरी जमा राशि बैंक में सुरक्षित नहीं होती है। बैंक के डूबने पर ग्राहकों का 5 लाख रुपए तक का जमा सुरक्षित और बीमित है। यानी 5 लाख रुपए तक जमा राशि गारंटी के साथ आपको मिल जाएगी और इसके डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी (DICGC) बीमा उपलब्ध कराती है।
2020 के बजट में बढ़ी सीमा: आपको बता दें कि साल 2020 से पहले बैंक में जमा राशि में सिर्फ 1 लाख रुपए तक ही बीमित और गारंटी के साथ सुरक्षित होते थे लेकिन मोदी सरकार की ओर से साल 2020 में लाए गए बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर दिया गया है। यह जमाकर्ता भावना को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक कदम था। 1 लाख रुपए की सीमा मई 1993 में निर्धारित की गई थी।
DICGC में बीमा: कॉरपोरेशन डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज के तहत भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी DICGC रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक सभी कमर्शियल और को ऑपरेटिव बैंक का बीमा करती है। इसकी सुरक्षा बीमा के छाते के नीचे सभी छोटे और बड़े कमर्शियल बैंक व कोऑपरेटिव बैंक की देश और विदेश में मौजूद शाखाएं आती हैं।ॉ