- अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की तारीफ की।
- दो दिनों तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव 2022 का 21 अप्रैल को शानदार आगाज हुआ।
- कार्यक्रम में देश और दुनिया की कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं।
IEC 2022: टाइम्स नेटवर्क के खास कार्यक्रम इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव-2022 में अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने 'स्पेशल एड्रेस इंडिया: दुनिया में सबसे अच्छा अवसर' पर चर्चा की। अडानी ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी का असर दिखाई दिया, लेकिन घरेलू नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था एक बार फिर से पटरी पर लौट आई है।
आत्मनिर्भर से भारत पर निर्भर की यात्रा करेगा देश
अडानी ने सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के निर्माण में इस अभियान की बहुत बड़ी भूमिका है। आने वाले समय में देश आत्मनिर्भर से भारत पर निर्भर की यात्रा करेगा। मध्यम वर्ग की मजबूती अर्थव्यवस्था को और रफ्तार देने जा रही है।
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हम 75 साल की उम्र में भी युवा हैं: अडानी
अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि, 'हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, लेकिन 75 साल की उम्र में भी हम युवा हैं।' हमारे पास ऐसा संविधान है, जो दृढ़ रहा है। हमारी परचेजिंग पावर पैरिटी (क्रय क्षमता) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बन गई है और हमारी जीडीपी 55 गुना बढ़ी है। कुछ लोगों ने हमारे लोकतंत्र को बहुत शोर मचाने वाला कहा है। लेकिन शांत और मैच्योर लोकतंत्र के मुकाबले युवा और शोर-शराबे वाला लोकतंत्र होना हमेशा बेहतर होता है। यह शोर-शराबा हमें अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता देता है।
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अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें भारत में विकसित होने वाले भारत बायोटेक पर विदेशी वैक्सीन से ज्यादा भरोसा था। इसलिए उसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे आगे खड़े थे। यह आत्मनिर्भरता है। यह सच्चाई है कि भारत लंबे समय तक डोमेस्टिक खपत वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आत्मनिर्भर भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करता है। यह विजन आत्मनिर्भर भारत से 'भारत पर निर्भर' होने का है।
भारत नेट ग्रीन एनर्जी निर्यातक बन सकता है। हम लाखों अवसर पैदा करेंगे। स्थिरता और रिन्यूएबल एनर्जी की आवश्यकता भारत के लिए गेमचेंजर है। सोलर एनर्जी सबसे तेजी से बढ़ने वाली एनर्जी है। पिछले एक दशक में इसकी कीमतों में 90 फीसदी की गिरावट आई है और अगले दशक में भी कीमतों में गिरावट जारी रहेगी हम साल 2050 से 10,000 दिन दूर हैं। इस अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था 25 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी।