- सीबीडीटी ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन से जुड़े कारोबारियों पर मारे थे छापे, दिल्ली-एनसीआर में कार्रवाई हुई
- हवाला लेनदेन का मास्टरमाइंड चार्ली पेंग गिरफ्त में, गुरुग्राम में है ठिकाना
- मणिपुर-मिजोरम के रास्ते भारत में हुआ था दाखिल, स्थानीय लड़की से शादी कर भारतीय नागरिक बनने की कोशिश की थी
नई दिल्ली। मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में सीबीडीटी की तरफ से कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और जो जानकारी सामने आई वो चौंकाने वाली थी। मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन के जरिए 1 हजार करोड़ की हेराफेरी हुई और उसका कनेक्शन एक चीनी शख्स से निकला। हवाला लेनदेन का मास्टरमाइंड अब गिरफ्त में है और पूछताछ के दौरान जो जानकारी सामने आ रही है वो होश उड़ाने वाली है। उस शख्स का नाम चार्ली पेंग है जो व्यापार के बहाने भारत आया। लेकिन एक तरह से चीनी एजेंट के तौर पर काम करने लगा। उसका ठिकाना गुरुग्राम में है।
चीनी नागरिक है चार्ली पेंग
चार्ली पेंग मणिपुर और मिजोरम के रास्ते भारत आया। यहां आने के बाद उसने स्थानीय लड़की से शादी की और भारतीय नागरिकता हासिल करने की कोशिश की। चार्ली पेंग ने जाली आधार कार्ड बनवाया। इसके जरिए उसने जालसाजी का धंधा शुरू किया जिसमें कुछ भारतीय बैंकों के कर्मचारी भी शामिल हैं। चार्ली ने 45 बैंक खातों के जरिए हजारों करोड़ रुपए इधर से उधर करता था। चार्ली के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और वो फिलहाल पुलिस के कब्जे में है।
चार्ली पेंग के बारे में जानें सबकुछ
- चार्ली पेंग 2013-2014 में भारत आया।
- 2018 में इसकी स्पेशल सेल ने गिरफ्तारी की थी।
- बताया जाता है कि अलग अलग नामों से वो जासूसी करता था। चीनी जासूस के तौर पर काम करता था।
- चीनी पैसे की मदद से भारत में शेल कंपनियां बनाता था.
- चीनी दूतावास के अधिारियों से बेहतर रिश्ते थे।
- 2018 में पकड़े जाने पर उसने बताया था कि वो एक शरणार्थी था जो चीनी दमन से बचने के लिए भारत आया और वो दलाई लामा से भी मिला था। वो गुरुग्राम में रहकर ई कामर्स का काम किया करता था लेकिन वो चीन के लिए जासूसी करता था। चीनी अधिकारियों ने कहा था कि वो उनका ही नागरिक है और वो व्यापार के सिलसिले में ही भारत आया था।
45 बैंक खातों के जरिए अवैध लेनदेन
अधिकारियों का कहना है कि भारत में व्यवस्थित होने के बाद चार्ली ने चीन की उन व्यापारिक कंपनियों से संपर्क साधा जिनका व्यापार भारत से था।इस तरह से उसने भारत में शेल कंपनियों के जरिए हवाला रकम को इधर से उधर करने लगा। अलग अलग शेल कंपनियों के करीब 45 बैंक खाते खोले गए और इस तरह से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए लेनदेन शुरू हो गई। चार्ली की इस जालसाजी में बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारी शामिल रहे।