- भारतीय रेलवे ने आज (7 अगस्त 2020) से पहली किसान रेल सेवा शुरू की
- महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलाई गई
- किसानों के प्रोडक्ट्स दूध, मांस, मछली, फल और सब्जियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाएगा
Kisan Rail : किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के तहत भारतीय रेलवे ने आज (7 अगस्त 2020) से पहली किसान रेल सेवा शुरू की है। ऐसी पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलाई गई। इस ट्रेन से किसानों के जल्द खराब होने वाले प्रोडक्ट्स दूध, मांस, मछली, फल और सब्जियों को नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीन दायल उपाध्याय नगर, बक्सर और बिहार के दानापुर तक पहुंचाया जाएगा। किसान रेल की घोषणा वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में की थी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केंद्रीय रेल व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस ट्रेन को आज हरी झंडी दिखाई। किसान रेल से माल ढुलाई का किराया भी तय कर दिया गया है। नीचे देख सकते हैं।
किसान ट्रेन साप्ताहिक आधार
यह ट्रेन साप्ताहिक आधार 10+1 वीपीएस की शुरुआती संरचना के साथ चलेगी। यह ट्रेन 31 घंटे 45 मिनट के दौरान 1519 किलोमीटर का सफर तय करके अगले दिन 18 बजकर 45 मिनट पर दानापुर पहुंचेगी।
किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य
यह ट्रेन जल्द खराब होने वाले प्रोडक्ट्स की निर्बाध आपूर्ति सीरीज प्रदान करेगी। यह ट्रेन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है। भारतीय रेलवे का उद्देश्य किसान रेल के शुभारंभ के साथ किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करना है।
किसान रेल से सब्जियां, फल, फूल, छली, मांस और दूध को जल्द विभिन्न् इलाकों में पहुंचाया जाएगा
यह ट्रेन कम समय में सब्जियों, फलों जैसे जल्द खराब होने वाले कृषि प्रोडक्ट्स को बाजार में लाने में मदद करेगी। फ्रोजन कंटेनरों के साथ इस ट्रेन द्वारा जल्द खराब होने वाली चीजों जिसमें मछली, मांस और दूध शामिल है, के लिए एक निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की उम्मीद है। मध्य रेलवे स्थित भुसावल डिविजन एक कृषि आधारित डिविजन है। नासिक और आस-पास के इलाकों में बड़ी मात्रा में ताजी सब्जियां, फल, फूल, अन्य जल्दी खराब होने वाली चीजें, प्याज व अन्य कृषि प्रोडक्ट्स का उत्पादन होता है। इन जल्दी खराब होने वाले प्रोडक्ट्स को मुख्यतः पटना, प्रयागराज, कटनी, सतना आदि इलाकों में भेजा जाएगा।
भारतीय रेलवे ने पहले सिंगल स्पेशल रेलगाडियां जैसे केला स्पेशल आदि चलाई है लेकिन यह अब तक की पहली मल्टी कमोडिटी ट्रेन होगी और अनार, केला, अंगूर आदि जैसे फल और शिमला मिर्च, फूलगोभी, ड्रमस्टिक्स, पत्तागोभी, प्याज, मिर्च जैसी सब्जियां को लेकर जाएगी। स्थानीय किसानों, लोडरों, एपीएमसी और व्यक्तियों के साथ जल्द मार्केटिंग किया जा रहा है। मांग को एकत्र किया जा रहा है। उम्मीद है कि ट्रेन को अच्छी तरह से संरक्षण दिया जाएगा और किसानों को बहुत मदद मिलेगी, इस ट्रेन का भाड़ा सामान्य ट्रेन (पी स्केल) के पार्सल टैरिफ के अनुसार लिया जाएगा।
स्टेशनों के बीच का किराया | प्रति टन भाड़ा |
नासिक रोड/देवलाली से दानापुर | 4001 रुपए |
मनमाड से दानापुर | 3849 रुपए |
जलगांव से दानापुर | 3513 रुपए |
भुसावल से दानापुर | 3459 रुपए |
बुरहानपुर से दानापुर | 3323 रुपए |
खंडवा से दानापुर | 3148 रुपए |
कृषि प्रोडक्ट्स नासिक के इलाकों से बिहार में पटना, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, मध्य प्रदेश के कटनी, सतना तथा अन्य इलाकों को भेजे जाते हैं। किसान रेल इन प्रोडक्टस को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेगी। यह रेल नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज छेओकी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी। एयरकंडिशन की सुविधा के साथ फल और सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। इसके बाद केंद्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री ने बिना किसी बाधा के नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की घोषणा की थी। यह भी कहा गया था कि भारतीय रेलवे एक किसान रेल की शुरुआत करेगा।