नई दिल्ली : पीएनबी घोटाले के फरार आरोपी मेहुल चोकसी के अपहरण मामले में 'टाइम्स नाउ नवभारत' ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, चोकसी के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि चोकसी को एंटीगा से अपहरण करने के बाद डोमेनिका लाया गया। वकील का आरोप है कि इस साजिश में बारबरा और भारतीय मूल के व्यक्ति केजी सिंह एवं गुरमीत सिंह शामिल हैं। वकील के इस दावे को केजी सिंह और गुरमीत सिंह ने खारिज कर दिया है। इन दोनों ने 'टाइम्स नाउ नवभारत' के साथ बातचीत में इस बात का खुलासा किया है कि वह मेहुल चोकसी को नहीं जानते। उन्हें इस पूरे मामले में फंसाया गया है। इसके लिए वे चोकसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
'हमें नहीं पता था कि मेहुल चोकसी कौन है'
चैनल से बातचीत में दोनों ने बताया कि अपहरण के वक्त में वे एंटीगा में नहीं थे और वे किसी भी साजिशकर्ता को नहीं जानते। केजी सिंह और संदीप सिंह ने यह भी कहा है कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि मेहुल चोकसी कौन है। उन्होंने कहा कि वे दोनों गलत समय पर गलत जगह पर थे इसलिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।
जनता क्यों भरे नेताओं का टैक्स?
'टाइम्स नाउ नवभारत' ने अपने प्राइम शो 'लोगतंत्र' के दूसरे हिस्से में जनता के पैसे से नेताओं का कर्ज चुकाने का मुद्दा उठाया। जनता के पैसे से कई राज्यों में नेताओं का टैक्स भरा जा रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता। ऐसा क्यों हो रहा है, इसका सीधा जवाब किसी के पास नहीं है। हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में जनता के पैसे से नेताओं का टैक्स भरा जा रहा है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधायकों की सैलरी प्रति महीने एक लाख रुपए है और तेलंगाना के विधायकों की सैलरी ढाई लाख रुपए है। 'टाइम्स नाउ नवभारत' ने जब नेताओं से सवाल किया कि उनका टैक्स जनता क्यों भरे? इस पर नेता इधर-उधर की बात करने लगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार को नियम बनाना चाहिए। जनता के पैसे से नेताओं का टैक्स भरने के खिलाफ अपनी मुहिम को 'टाइम्स नाउ नवभारत' जारी रखेगा।