- इस वक्त हमारा एक्सपोर्ट जीडीपी का करीबी 20 प्रतिशत है।
- पीएम ने कहा कि एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए 4 फैक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- पीएम ने कहा कि भविष्य के भारत के लिए क्लियर विजन और रोडमैप के निर्माण का अवसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (06 अगस्त) लोकल गोज ग्लोबल का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये समय आजादी के 75वें वर्ष में अपनी स्वतंत्रता को सेलिब्रेट करने का तो है ही, साथ ही भविष्य के भारत के लिए एक क्लियर विजन और रोडमैप के निर्माण का अवसर भी है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विदेशों में भारतीय मिशनों के प्रमुखों और देश के व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र के हितधारकों के साथ बातचीत की। पीएम ने का कि तकनीकी और वित्तीय कनेक्टिविटी की वजह से दुनिया हर रोज और छोटी होती जा रही है। ऐसे में हमारे निर्यात का विस्तार के लिए दुनियाभर में नई संभावनाएं बन रही हैं।
पीएम ने कहा कि दुनिया के करीब हर हिस्से के साथ हमारे ट्रेड लिंक रहे हैं और ट्रेड रूट भी रहे हैं। आज जब हम ग्लोबल इकॉनमी में अपनी उस पुरानी हिस्सेदारी को वापस पाने का प्रयास कर रहे हैं तब भी हमारे निर्यात की भूमिका अहम है। इस वक्त हमारा एक्सपोर्ट जीडीपी का करीबी 20 प्रतिशत है। हमारी अर्थव्यवस्था के साइज, हमारे Potential, हमारी मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री के बेस को देखते हुए इसमें बहुत वृद्धि की संभावना है।
एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए 4 फैक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- देश में मैन्यूफैक्चरिंग कई गुना बढ़े।
- ट्रांसपोर्ट की, लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें दूर हों।
- एक्सपोर्टर्स के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चले।
- भारतीय प्रॉडक्ट्स के लिए इंटरनेशनल मार्कट।
पीएम मोदी ने कहा कि 7 साल पहले हम लगभग 8 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन बाहर से मंगाते थे। अब ये घटकर 2 बिलियन डॉलर हो गया है। 7 साल पहले भारत सिर्फ 0.3 बिलियन डॉलर के मोबाइल एक्सपोर्ट करता था, अब ये बढ़कर 3 बिलियन डॉलर से भी अधिक हो गया है। अलग-अलग देशों में मौजूद इंडिया हाउस, भारत की मैन्यूफैक्चरिंग पावर के भी प्रतिनिधि बनें। समय-समय पर आप, भारत में यहां की व्यवस्थाओं को अलर्ट करते रहेंगे, गाइड करते रहेंगे, तो इसका लाभ एक्सपोर्ट को बढ़ाने में होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये समय ब्रांड इंडिया के लिए नए लक्ष्यों के साथ नए सफर का है। हमें ये प्रयास करना है कि दुनिया के कोने-कोने में भारत के उच्च मूल्य वर्धित उत्पाद को लेकर एक स्वाभाविक डिमांड पैदा हो।