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Chandigarh PGI: पीजीआई में अब रजिस्ट्रेशन, ओपीडी से लेकर लैब रिपोर्ट तक, हर जानकारी मिलेगी एक जगह

Updated Jun 13, 2022 | 17:56 IST

Chandigarh PGI: पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज कराने आने वाले मरीजों को जल्‍द ही राहत मिलने वाली है। इस समय पीजीआई प्रशासन एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहा है, जिस पर लोग एक क्लिक में आयुष्मान भारत कार्ड, ओपीडी रजिस्ट्रेशन, लैब रिपोर्ट, अंगदान, पुअर पेशेंट फंड जैसी सभी जानकारियां पा सकेंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पीजीआई में अब एक क्लिक पर मिलेगी सभी जानकारी
मुख्य बातें
  • पीजीआई में अब एक क्लिक पर मिलेंगी मरीजों से जुड़ी सभी जानकारी
  • पीजीआई प्रशासन 27 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार कर रहा नया प्‍लेटफार्म
  • रजिस्ट्रेशन और लैब रिपोर्ट जैसी जरूरी जानकारी हासिल करने में नहीं होगी परेशानी

Chandigarh PGI: पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज कराने आने वाले लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब यहां पर लोगों से जुड़ी सभी स्वास्थ्य सेवाएं एक ही प्लेटफार्म पर मिलेंगी। नागरिक एक क्लिक पर यहां से पूरी जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लोगों के लिए जो भी स्वास्थ्य सेवाएं व योजनाएं शुरू की गई हैं, उन सभी का लाभ भी अब पीजीआई के अंदर एक ही प्लेटफार्म पर मिलेगा।

इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए पीजीआई प्रशासन इस समय एक खास सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहा है। पीजीआई निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने योजना के बारे में बताते हुए कहा कि, इस सॉफ्टवेयर की मदद से आयुष्मान भारत कार्ड, ओपीडी रजिस्ट्रेशन, लैब रिपोर्ट, अंगदान, पुअर पेशेंट फंड जैसी लोगों से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी। इस प्रोजेक्ट को लागू कराने की जिम्मेदारी डीडीए कुमार गौरव धवन को दी गई है।

पीजीआई प्रशासन दो प्रोजेक्ट्स पर खर्च करेगा 27 करोड़ रुपये

इस साफ्टवेयर को डेवलप करने और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने पर पीजीआई प्रशासन करीब 27 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इसमें पुराने साफ्टवेयर और मरीजों को ऑनलाइन रिपोर्ट और लैब टेस्ट की सेवाएं भी शामिल होंगी। साथ ही इस प्रोजेक्ट में हॉस्पिटल इनफार्मेशन सिस्टम वर्जन 2 को भी लॉन्‍च किया जाएगा। डीडीए कुमार गौरव धवन ने योजना के बारे में बताते हुए कहा कि, जो प्लेटफार्म डेवलप किया जा रहा है, उससे ऑनलाइन साफ्टवेयर की मदद से हिमाचल प्रदेश के ऊना और पंजाब के संगरुर व फिरोजपुर के सैटेलाइट सेंटर को जोड़ा जाएगा।

पीजीआई की वर्किंग में आएगा बदलाव

जिससे इन दोनों सेंटर पर आने वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर पीजीआई के सीनियर एक्सपर्ट्स डाक्टर की भी सलाह मिल सके। डीडीए कुमार गौरव धवन ने बताया कि, पीजीआई में इस समय जो ऑनलाइन सिस्टम चल रहा है वह पुराना हो गया है, जिससे कई बार रजिस्ट्रेशन और लैब रिपोर्ट जैसी प्रक्रिया में बाधा पैदा होती है। इससे मरीजों को काफी दिक्कत होती है। इस एचआईएस टू सॉफ्टवेयर के इंस्टाल किए जाने से पीजीआई की वर्किंग में काफी बदलाव आएगा।