- चंडीगढ़ में जुलाई माह से घट सकता है प्रॉपर्टी का कलेक्टर रेट
- एडवाइजर धर्मपाल ने डीसी को दिया कलेक्टर रेट रिव्यू का निर्देश
- कलेक्टर रेट घटने से आम लोगों को मिलेगी राहत, विकास पकड़ेगी गति
Chandigarh News: चंडीगढ़वालों के लिए खुशखबरी है। यहां पर जल्द ही कलेक्टर रेट घट सकते हैं। इस संबंध में यूटी प्रशासक के एडवाइजर धर्मपाल की तरफ से निर्देश जारी हो चुका है। इस निर्देश में डीसी को कलेक्टर रेट रिव्यू करने को कहा गया है। जिसके लिए जुलाई तक का समय दिया गया है। बता दें कि चंडीगढ़ के कलेक्टर रेट आस—पास के शहरों के मुकाबले सबसे अधिक हैं। इस शहर से सटे पंचकूला और मोहाली के कलेक्टर रेट चंडीगढ़ के मुकाबले में कम हैं।
वहीं कलेक्टर रेट से कम कीमत पर मार्केट में इस समय प्रॉपर्टी उपलब्ध है। इस समस्या की वजह से इस शहर में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की स्पीड पर ब्रेक लगने लगा है। अगर कलेक्टर रेट कम होता है, तो उससे प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को जहां डायरेक्ट फायदा मिलेगा, वहीं शहर के विकास को भी गति मिलती है।
ई-टेंडर के बाद भी नहीं बिक रही थी प्रॉपर्टी
चंडीगढ़ प्रशासन की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन ने बयान जारी कर कहा कि, अभी मार्केट में जिस रेट पर प्रॉपर्टी उपलब्ध है, कलेक्टर रेट उससे कहीं ज्यादा है। इसी वजह से चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की फ्री होल्ड प्रॉपर्टी को भी कोई लेने को तैयार नहीं है। प्रशासन द्वारा कई बार ई-टेंडर के बाद भी इक्का-दुक्का प्रॉपर्टी ही बिक रही हैं। इस वजह से ही बोर्ड ने इन्हें अब फ्री होल्ड कर बेचना शुरू किया है।
एसोसिएशन ने की थी कलेक्टर रेट घटाने की मांग
बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन और ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कलेक्टर रेट घटाने की मांग को लेकर एडवाइजर धर्मपाल से मुलाकात की थी। एसोसिएशन ने कहा था कि चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट ज्यादा होने के कारण कस्टमर अब पंचकूला और मोहाली की तरफ शिफ्ट कर रहे हैं, जिससे शहर के विकास को नुकसान हो रहा है। वहीं इससे प्रशासन को भी रेवेन्यू का नुकसान होता है। इस वजह से कलेक्टर रेट को रिव्यू कर कम किया जाना चाहिए। पंचकूला और मोहाली के साथ रेट की तुलना कर नए रेट तय होने चाहिए।