- ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच भी हैं विराट कोहली के फैन
- फिंच ने भारतीय कप्तान की जमकर की तारीफ
- ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने बताई विराट कोहली की खासियतें
पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कप्तानी के बोझ के साथ-साथ अपने बल्ले से जैसा प्रभाव छोड़ा है, वो काबिलेतारीफ है। दुनिया का कोई भी देश हो, कैसी भी पिच हो और कैसा भी विरोधी हो..विराट का बल्ला जरूरत के समय पर ज्यादातर मौकों पर गरजा है। आलम ये है कि विरोधी खिलाड़ी भी उनकी तारीफ करने से पीछे नहीं हटते। ताजा नाम ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवर क्रिकेट कप्तान आरोन फिंच का है जिन्होंने जमकर कोहली की सराहना की है।
आरोन फिंच का कहना है कि भारत जैसे क्रिकेट के दीवाने देश में लोगों की अपेक्षाओं का बोझ काफी है लेकिन विराट कोहली ने बतौर कप्तान शानदार प्रदर्शन किया है।
फिंच ने कहा कि खिलाड़ी खराब दौर से गुजरते हैं लेकिन कोहली, स्टीव स्मिथ, रिकी पोंटिंग और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी अपवाद हैं।
भारत के लिए खेलने का दबाव अलग है
फिंच ने सोनी टेन के पिट स्टॉप शो पर कहा, ‘हर खिलाड़ी का एक खराब दौर आता है लेकिन कोहली, स्मिथ, पोंटिंग और तेंदुलकर ऐसे खिलाड़ी थे जिनका फॉर्म कभी भी लगातार दो सीरीज में खराब नहीं रहा। भारत के लिये खेलने का दबाव अलग है और कप्तानी का अलग और जिस तरह से कोहली लंबे समय से दोनों काम कर रहे हैं, वो लाजवाब है।’
धोनी से जिम्मेदारी लेकर अच्छे से संभाला
जब धोनी द्वारा कप्तानी छोड़ी गई थी तब युवा विराट के लिए राष्ट्रीय टीम की कप्तानी लेना छोटी जिम्मेदारी नहीं थी लेकिन कोहली ने ना सिर्फ जिम्मेदारी ली बल्कि हर मायने में इसमें सफल भी रहे। इस पर फिंच ने कहा, ‘महेंद्र सिंह धोनी से कप्तानी लेने के बाद अपेक्षायें काफी थीं और वो (कोहली) लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा। ये काफी प्रभावशाली है।’
ये है सबसे प्रभावशाली बात
फिंच ने हर प्रारूप में अच्छा खेलने को विराट की सबसे बड़ी खासियत करार दिया। उन्होंने कहा, ‘सबसे प्रभावी बात तो तीनों प्रारूपों में उसका लगातार अच्छा खेलना है।वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होना और फिर टेस्ट और टी20 में उस कामयाबी को दोहराना, ये वाकई काबिलेतारीफ है।’
आईसीसी के लार वाले नए नियम पर बयान
आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और फिंच ने कहा कि खिलाड़ियों को इसकी आदत हो जायेगी। उन्होंने कहा, ‘मैंने इंग्लैंड या वेस्टइंडीज टीमों से बात नहीं की है लेकिन मुझे लगता है कि अगले कुछ महीने में खिलाड़ी इसके आदी हो जायेंगे। गेंद को चमकाने के दूसरे तरीके तलाशे जायेंगे।’ गौरतलब है कि कोरोना महामारी के पूरे विश्व में प्रकोप के बाद से तकरीबन चार महीनों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट गतिविधियां ठप्प रही हैं। अब जुलाई में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच शुरू हो रही सीरीज से एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज होने जा रहा है और इस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।