नई दिल्ली: पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि डे-नाइट टेस्ट के आंकड़े और रिकॉर्ड को नियमित टेस्ट मैचों से अलग रखा जाना चाहिए। इसके अलावा गावस्कर का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट एक उज्ज्वल भविष्य है। उन्होंने इसकी तुलना डे-नाइट वनडे मैचों की सफलता से की। गावस्कर ने कहा, 'जब डे-नाइट क्रिकेट शुरू हुआ था तब कई लोगों को लगा कि यह बहुत सफल नहीं होगा। लेकिन इसके बाद यह बेहद सफल हो गया। इसलिए ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है डे-नाइठ टेस्ट क्रिकेट सफल नहीं होगा।'
एक रिपोर्ट के मुताबिक, गावस्कर ने कहा, 'मुझे सिर्फ यही लगता है कि गुलाबी गेंद टेस्ट क्रिकेट के आंकड़ों को लाल गेंद से अलग रखा जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी आंकड़े लाल गेंद और सफेद गेंद के लिए अलग-अलग होने चाहिए या किसी प्रकार का अंतर किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां इसके बारे जान सकें।'
भारतीय और बांग्लादेश के बीच शुक्रवार से कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच शुरू होगा। दोनों टीमों का यह पहला डे-नाइट टेस्ट मैच है। यह टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। गावस्कर को लगता है कि भारतीय टीम को गुलाबी गेंद से खेलने और जीतने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उनके अनुसार, भारतीय टीम किसी भी परिस्थिति में विपक्षी टीम को मात देने दे सकती है।
गावस्कर ने कहा, 'यह एक शानदार भारतीय टीम है, जो भले ही आइसलैंड में बर्फ में खेले या सहारा रेगिस्तान में रेत में खेले जीतने का रास्ता तलाश ही लेती है।' उन्होंने आगे कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई खिलाड़ी पहले गुलाबी गेंद के साथ खेला है या नहीं।'