- अजिंक्य रहाणे ने यशस्वी जायसवाल को मैदान के बाहर भेजा
- कई चेतावनी के बावजूद यशस्वी जायसवाल की हरकतों में सुधार नहीं आया
- वेस्ट जोन ने जायसवाल की जगह स्थानापन्न खिलाड़ी की मदद नहीं ली और 10 खिलाड़ियों के साथ मैच जारी रखा
कोयंबटूर: वेस्ट जोन ने रविवार को साउथ जोन को मात देकर 19वीं बार दलीप ट्रॉफी खिताब जीता। हालांकि, इस मुकाबले के दौरान एक दृश्य ऐसा देखने को मिला, जहां कप्तान की सख्ती की तो तारीफ हो रही है, लेकिन खिलाड़ी को अनुशासनहीनता के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां बात हो रही है वेस्ट जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे और स्टार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की।
फाइनल मैच के आखिरी दिन कप्तान अजिंक्य रहाणे ने बड़ा फैसला लेते हुए यशस्वी जायसवाल को मैदान के बाहर भगा दिया। दरअसल हुआ यूं कि यशस्वी जायसवाल और साउथ जोन के बल्लेबाज रवि तेजा के बीच लगातार भिड़ंत चल रही थी। तेजा इतने परेशान हो गए कि उन्होंने अंपायर से जायसवाल की शिकायत कर दी। अंपायर ने इस मामले में कप्तान अजिंक्य रहाणे को शामिल किया।
अजिंक्य रहाणे ने यशस्वी जायसवाल को शांत करने की कोशिश की, लेकिन रवि तेजा के कुछ बोलते ही युवा खिलाड़ी दोबारा भड़क गया और कप्तान के सामने ही कुछ कहने लगा। रहाणे को जायसवाल का यह बर्ताव बिलकुल सही नहीं लगा। उन्होंने गुस्से में फील्डिंग पर खराब रवैया दिखा रहे जायसवाल को मैदान के बाहर भेज दिया। रहाणे और जायसवाल के इस दृश्य का वीडियो वायरल हो रहा है। फैंस जहां कप्तान की तारीफ कर रहे हैं तो साथ ही साथ उम्मीद जता रहे हैं कि यशस्वी जायसवाल को इससे सबक मिलेगा।
वहीं मैच की बात करें तो वेस्ट जोन ने रविवार को फाइनल मुकाबले के पांचवें व आखिरी दिन साउथ जोन को 294 रन के विशाल अंतर से मात दी। वेस्ट जोन ने पहली पारी में 270 रन बनाए थे, जिसके जवाब में साउथ जोन की पहली पारी 327 रन पर ऑलआउट हुई थी। साउथ जोन को पहली पारी के आधार पर 57 रन की बढ़त मिली थी।
वेस्ट जोन ने फिर शानदार वापसी की और यशस्वी जायसवाल (265) व सरफराज खान (127*) की उम्दा पारियों के दम पर अपनी दूसरी पारी 585/4 के स्कोर पर घोषित की। साउथ जोन को इस तरह 529 रन का लक्ष्य मिला, जिसका पीछा करते हुए पूरी टीम 71.2 ओवर में 234 रन पर ढेर हो गई। वेस्ट जोन ने इसी के साथ इतिहास रचा और वो सबसे ज्यादा बार दलीप ट्रॉफी खिताब जीतने वाली टीम बन गई है। वेस्ट जोन ने 19वीं बार दलीप ट्रॉफी खिताब जीता और नॉर्थ जोन को पीछे छोड़ा, जिसने 18 बार खिताब जीता है।