कराची: इंग्लैंड के प्रतिष्ठित यार्कशर क्रिकेट काउंटी पर दक्षिण एशियाई खिलाड़ियों के खिलाफ संस्थागत नस्लवाद के दावे करने वाले इंग्लैंड के पूर्व अंडर 19 कप्तान अजीम रफीक ने कहा कि उन्हें काउंटी की जांच पर कोई भरोसा नहीं है। रफीक ने दावा किया है कि उन्हें यार्कशर काउंटी में नस्लवादी टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा। इसके बाद क्लब के चेयरमैन रोजर हुटोन ने आरोपों की जांच के लिये समिति का गठन किया। क्रिकेट में इस खिलाड़ी को ऐसा धक्का लगा कि उसने अब एक चाय की दुकान खोली है, जिसकी एक चेन बनाना भी वो चाहते हैं।
रफीक ने क्रिकेटबाज यूट्यूब चैनल से कहा ,‘‘ जांच की घोषणा की गई है लेकिन हमें इस पर भरोसा नहीं है। हमने बयान पढ़े हैं लेकिन हमें भरोसा नहीं क्योंकि जांच की अगुवाई करने वाला इंसान उनके (यार्कशर क्रिकेट क्लब चेयरमैन) लिये काम करता था।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग देंगे।
आत्महत्या करने वाले थे
मूलत: कराची से ताल्लुक रखने वाले रफीक इंग्लैंड की अंडर 19 टीम के कप्तान रहे। उन्होंने दावा किया था कि यार्कशर के साथ खेलते समय उन्हें इतना बेगानापन लगता था कि उन्होंने खुदकुशी का मन बना लिया था और इंसानियत पर से उनका ऐतबार उठ गया था । उन्होंने कहा कि 2016 से 2018 के बीच उन्होंने बार बार नस्लवादी बर्ताव की शिकायत की लेकिन क्लब ने उनकी एक नहीं सुनी।
मृत बेटे का अंतिम संस्कार करने गया, तो टीम से निकाला
रफीक ने ये भी दावा किया था कि जब वो अपने मृत बेटे (पैदा होते ही) का अंतिम संस्कार करने गए थे, उसके बाद उनको उम्मीद थी क्लब उनको समझेगा लेकिन उनको एक मेल भेजा गया कि उनको टीम से रिलीज कर दिया गया है।
अब चाय का व्यापार
इंग्लैंड के रोथरहैम में अब रफीक ने चाय की एक शानदार दुकान खोली है। वो अपने परिवार के सदस्यों की मदद से इसे चलाते हैं। उन्होंने परिवार के पालन को जारी रखने के लिए ये कदम उठाया है। उन्होंने इसका नाम 'मटकी चाय' रखा है।