- साल 2016 में बीसीसीआई से बतौर सीईओ जुड़े थे राहुल जौहरी
- सौरव गांगुली के बोर्ड का अध्यक्ष बनने का बाद दे दिया था पद से इस्तीफा
- 6 महीने बाद बोर्ड ने किया उनके इस्तीफे पर फैसला, विवादित रहा है उनका कार्यकाल
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी का इस्तीफा लंबे समय बाद गुरुवार को स्वीकार कर लिया गया। बोर्ड के आला अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है लेकिन एक सीनियर अधिकारी के मुताबित इस्तीफा स्वीकार करने का फैसल हो चुका है। राहुल जौहरी ने 27 दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि बोर्ड ने अचानक इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला क्यों किया।
2016 में जुड़े थे बीसीसीआई से
बीसीसीआई जिस वक्त परेशानियों के दौर से गुजर रहा था उसी दौरान साल 2016 में वो बोर्ड से जुड़े थे। उस वक्त शशांक मनोहर बोर्ड के अध्यक्ष थे। उनका करार साल 2021 तक था। लेकिन सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। जौहरी के मामले को आईसीसी से शशांक मनोहर के इस्तीफे से जोड़कर भी देखा जा रहा है। उन्होंने हाल ही में आईसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बीसीसीआई का सीईओ बनने से पहले जौहरी केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के सचिव थे।
विवादित रहा है कार्यकाल
बीसीसीआई के सीईओ के रूप में जौहरी का कार्यकाल विवादित रहा है। इस दौरान उनके ऊपर उनकी एक पूर्व महिला सहयोगी ने 'मीटू' आंदोलन के दौरान यौन शोषण के आरोप लगाए थे। राहुल जौहरी के मामले को लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई के संचालन के लिए गठित संचालन समिति(सीओए) ने संज्ञान लेते हुए मामले पर त्वरित कार्रवाई की थी। हालांकि राहुल जौहरी इस मामले से बच निकले थे। सीओए प्रमुख विनोद राय ने जो कमिटी मामले की जांच के लिए गठित की थी, उसने जौहरी को क्लीन चिट दे दी थी।