- श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका दौरे के खिलाफ सीरीज पर चर्चा तेज
- भारतीय टीम द्विपक्षीय सीरीज के लिए दो देशों का दौरा कर सकती है
- बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इस पर कोई बयान देने से इंकार किया
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर की क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। अब क्रिकेट दोबारा आयोजित कराने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पास द्विपक्षीय सीरीज के लिए आमंत्रण आए हैं ताकि दोबारा क्रिकेट शुरू किया जा सके। इसमें कोई संदेह नहीं कि हर कोई भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ सीरीज खेलना चाहता है क्योंकि उसके राजस्व में बदलाव आएगा, लेकिन बीसीसीआई ने कोरोना वायरस महामारी के कारण भविष्य में होने वाले दौरों पर कोई राय देने से इंकार कर दिया है।
बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा, 'बोर्ड परिस्थिति को समझते हुए अन्य देशों के बोर्ड की मदद को तैयार है। मगर इसे फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) और आईसीसी इवेंट्स के साथ देखना होगा, जो पहले से नियोजित है। इस बीच अगर हम अन्य देशों की मदद कर सकते हैं, तो इस पर ध्यान देंगे। इस पल अभी टी20 विश्व कप 2020 पर कोई स्पष्टता नहीं है। तो हम अन्य देशों से मिली गुजारिश पर कैसे कुछ बोल सकते हैं। यह सब स्थिति पर निर्भर करेगा।'
विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम के लिए आगामी कार्यक्रम श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका का दौरा है। इस पर अभी सफाई नहीं मिली है कि कार्यक्रम के अनुसार दोनों सीरीज आयोजित हो सकेगी या नहीं। बीसीसीआई ने इस पर कोई बयान देने से इंकार कर दिया है क्योंकि कोविड-19 के कारण दुनियाभर में स्थिति हर पल बदलती जा रही है।
खिलाड़ियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं
धूमल ने कहा, 'श्रीलंका के खिलाफ सीरीज एफटीपी का हिस्सा है। दक्षिण अफ्रीका बोर्ड ने महामारी के कुछ समय पहले हमसे संपर्क किया। हमने उन्हें कहा कि हम इस पर ध्यान देंगे। अभी इस पर हां या ना कहना कुछ भी संभव नहीं। हमें अभी नहीं पता कि यात्रा स्थिति क्या होगी और वीसा पाबंदी किस प्रकार की होने वाली है।' जिंबाब्वे के खिलाफ छोटी सीरीज पर भी बातचीत जारी है, लेकिन क्वारांटाइन के नियमों को ध्यान रखते हुए धूमल ने कहा कि पता नहीं इस सीरीज के आयोजन पर भरोसा है या नहीं।
उन्होंने कहा, 'भारत के जिंबाब्वे दौरे की बात भी चल रही है। हमें अभी जिंबाब्वे सीरीज पर भी भरोसा नहीं है। हमें समय पर निर्भर रहना होगा कि स्थिति उस समय क्या बनती है। अगर खिलाड़ियों को कहीं जाने के बाद 15 दिन एकांत में रहना हुआ और वापसी के बाद फिर यही करना हुआ तो फिर छोटी सीरीज का आईडिया भी काम नहीं आएगा।' बीसीसीआई कोषाध्यक्ष ने आगे कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य बोर्ड की प्राथमिकता है। क्रिकेट गतिविधियां शुरू हो, लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा के ऊपर इसे नहीं रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'सबसे पहली बात यही है कि हमें 100 प्रतिशत भरोसा रहे कि हमारे खिलाड़ी सुरक्षित और स्वस्थ रहें। इसके बाद ही हम क्रिकेट के शुरू होने पर कोई बात कर सकते हैं। खिलाड़ियों की सुरक्षा से बढ़कर हम सीरीज को लेकर समझौता नहीं करने वाले हैं।'