- भुवनेश्वर कुमार ने ट्विटर पर फैंस के सवालों के जवाब दिए
- एक फैन ने तेज गेंदबाज से पूछा कि आपको पहला चेक कितने रुपए का मिला था
- भुवनेश्वर ने रकम का खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने उन पैसों का क्या किया
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। इसे देखते हुए भारतीय क्रिकेटर्स भी काफी अमीर हैं। क्रिकेटर्स भले ही अब करोड़ो रुपए कमा रहे हो, लेकिन ज्यादातर क्रिकेटर्स मिडिल क्लास परिवार या गरीबी से संघर्ष करते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं। ऐसे में जिस बात पर ध्यान नहीं गया, वो ये है कि उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए खिलाड़ियों ने कितनी कड़ी मेहनत की है। भारतीय क्रिकेट फैंस में भी इस बात की उत्सुकता देखने को मिली है कि क्रिकेटर्स कितनी कमाई कर रहे हैं।
भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने हाल ही में ट्विटर पर फैंस के साथ सवाल-जवाब का सेशन आयोजित किया। इस दौरान उनसे एक फैन ने पूछा कि आपको पहला चेक कितने रुपए का मिला और उन पैसों का आपने क्या किया? भारतीय तेज गेंदबाज के पास विकल्प था कि वह इस सवाल का जवाब नहीं दे, लेकिन उन्होंने अपने फैन को निराश नहीं किया और खुलासा किया कि उन्हें पहला चेक कितने रुपए का मिला था।
हैशटैग आस्कभुवी पर फैन ने सवाल किया, 'आपको पहला चेक कितने रुपए का मिला था? क्या आपको याद है कि उस रकम का आपने क्या किया?'
तेज गेंदबाज ने जवाब दिया, 'वो 3 हजार रुपए का चेक था। मैंने शॉपिंग की और इसके बावजूद कुछ पैसे बचाने में कामयाब रहा।'
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हाल ही में गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया था। यह फैसला कोरोना वायरस संकट से बचाव के चलते लिया गया था, जिस पर विशेषज्ञों और क्रिकेटर्स की तरफ से मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है। इस संबंध में अपने विचार पेश करते हुए भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि दुनिया में हर जगह पसीना आना संभव नहीं है। भुवी ने आईसीसी को सलाह दी है कि वह इस बारे में कुछ और विकल्प सुझाए।
कुमार ने सवाल-जवाब सेशन के दौरान कहा, 'दुनिया में हर जगह पसीना आना संभव नहीं है, तो फिर गेंद को चमकाना बड़ी चुनौती होगी। उम्मीद करता हूं कि चीजें जल्दी सुधरेंगी, जैसी हुआ करती थी।' पिछले महीने कुमार ने एक वेबीनार में कहा था, 'मुझे उम्मीद है कि आईसीसी किसी विकल्प के साथ आएगी कि हम किस तरह गेंद को चमका सकते हैं। आपको गेंद को चमकाने की जरूरत पड़ती है जब इंग्लैंड जैसी जगह पर स्विंग वाली परिस्थिति होती है। स्पिनर्स को भी गेंद की चमक की जरूरत होती है।'