नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीन प्रारूप हैं- टेस्ट, वनडे और टी20..इनमें से सबसे पुराना फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट है और पिछले कुछ समय से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने के बाद इसकी अहमियत और बढ़ गई है। ये फॉर्मेट सबसे पुराना भी है और सबसे धीमा भी। पांच दिवसीय मुकाबलों में बल्लेबाजों के पास काफी समय होता है और वे धीरे-धीरे खेलकर बड़ी पारी खड़ी करना चाहते हैं। लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा था जिसने एक दिन कुछ अलग करने की ठानी थी, और फिर उसने सबसे तेज टेस्ट शतक का विश्व रिकॉर्ड बना डाला।
हम यहां बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान व दिग्गज बल्लेबाज ब्रैंडन मैकुलम की। इस पूर्व दिग्गज ने 2016 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्राइस्टचर्च में खेले गए टेस्ट मैच में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना डाला था। मैकुलम उस दिन अलग मूड में थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जैसी धुरंधर टीम के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए सबसे तेज सेंचुरी जड़ डाली।
ऐसा था स्कोरकार्ड
टेस्ट सीरीज के उस फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। जब न्यूजीलैंड की टीम पहले बैटिंग करने उतरी तो वो 74 रन पर 4 विकेट गंवा चुके थे। तभी ब्रैंडन मैकुलम पिच पर आए और उन्होंने धुआंधार बैटिंग करते हुए 54 गेंदों में शतक जड़ डाला। ये टेस्ट इतिहास का सबसे तेज शतक साबित हुआ। उन्होंने वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज विव रिचर्ड्स और पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज मिस्बाह उल हक का रिकॉर्ड तोड़ डाला, जिन्होंने 56 गेंदों पर टेस्ट शतक जड़े थे।
मैकुलम की पारी सिर्फ यहीं नहीं थमी। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की और धुनाई की। मैकुलम ने 54 गेंदों पर शतक जड़कर आउट होने से पहले 79 गेंदों पर 145 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी में 21 चौके और 6 बेमिसाल छक्के शामिल थे। उनकी पारी के दम पर न्यूजीलैंड ने 370 रनों का स्कोर खड़ा किया।
फिर भी हार गया न्यूजीलैंड
मैकुलम ने अपनी पूरी कोशिश की थी लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड की टीम वो मैच जीत नहीं पाई। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में स्मिथ और बर्न्स के शतकों के दम पर 505 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। इसके बाद न्यूजीलैंड की टीम दूसरी पारी में 335 रन पर सिमट गई। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया को 201 रनों का लक्ष्य मिला जो उन्होंने 3 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया और 7 विकेट से मैच जीत लिया।