- ब्रेट ली ने सचिन तेंदुलकर के साथ पुरानी प्रतिद्वंद्विता को याद किया
- ली ने काफी तेज गेंदें डाली थीं, जिस पर तेंदुलकर ने शानदार चौके जड़े थे
- ली ने तेंदुलकर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेअ में सबसे ज्यादा बार आउट किया है
नई दिल्ली: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न के साथ प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर रही है। मगर ब्रेट ली के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता को वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके वो हकदार थे। मैक्ग्रा और वॉर्न के समान ब्रेट ली और तेंदुलकर का कई बार आमना-सामना हुआ और दोनों के बीच कई दिलचस्प भिड़ंत भी हुई। ब्रेट ली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार सचिन तेंदुलकर को अपना शिकार बनाया। उन्होंने 14 बार पूर्व भारतीय बल्लेबाज को आउट किया।
हालांकि, ब्रेट ली के लिए एक याद जो हमेशा सबसे अलग रहेगी, वो है 2008 सीबी सीरीज का वनडे मैच। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच उस मुकाबले में तेंदुलकर ने ली की जमकर धुनाई की थी। भारतीय बल्लेबाज ने कंगारू गेंदबाज के ओवर में तीन चौके जड़े और उल्लेखनीय था कि यह तीनों गेंदें 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा की थीं। ऑस्ट्रेलियाई टीम 159 रन के लक्ष्य की रक्षा कर रही थी। तेंदुलकर ने सबसे पहले ली की गेंद पर ऑफ ड्राइव जमाया, फिर स्ट्रेट ड्राइव और फिर फ्लिक, तीनों शॉट्स पर भारतीय बल्लेबाज ने बाउंड्री हासिल की। ब्रेट ली के पास इसको कोई जवाब नहीं था।
सचिन तेंदुलकर वाकई महान हैं: ली
ब्रेट ली ने मिड-डे को दिए इंटरव्यू में कहा, 'कुछ मौके रहे, जब मैंने सचिन तेंदुलकर को आउट किया। मगर सिडनी में ऐसा भी मैच रहा, जहां मैंने 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली और उसने चौका जड़ दिया। ऑफ ड्राइव पर चार, मैं देखकर सोचने लगा कि वाह। यह आदमी वाकई महान क्रिकेटर है।' ब्रेट ली और सचिन तेंदुलकर के बीच साल 2000 में पहली बार भिड़ंत हुई थी जब 24 साल के तेज गेंदबाज ने एमसीजी में टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था।
अगले 12 सालों में ली और तेंदुलकर का आमना-सामना 42 बार हुआ। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई मुकाबले जीते तो कई गंवाए। यह कहते हुए दोनों के बीच एक चीज जो सबसे महत्वपूर्ण रही, वो थी एक-दूसरे की इज्जत करना।
ली ने कहा, 'हमने मैदान के बाहर दोस्तों जैसे काफी मस्ती की। जब मैं भारत दौरे पर गया तो मुझे सचिन तेंदुलकर ने डिनर का पूछा। हम उसके बाद कार्टिंग करने साथ गए। यह छोटी चीजें शायद उनके लिए मायने न रखें, लेकिन मेरे लिए बहुत रखती हैं। मैंने व्यक्तिगत तौर पर तेंदुलकर को बेहतर जाना है। मैं भाग्यशाली हूं कि हम दोनों अच्छी दोस्ती करने में कामयाब हुए। हम एक-दूसरे की काफी इज्जत करते हैं, जो काफी महत्वपूर्ण है।'