नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के कारण दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएए) 2020 के मुकाबलों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा किसी भी तरह के बड़े इवेंट को भी रद्द कर दिया गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजधानी आईपीएल के मैच नहीं खेले जांएगे। हमने दिल्ली में सभी खेल, आयोजनों, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस पर रोक लगा दी है। सरकार के अगले आदेश ये निर्देश जारी रहेगा. दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा है एक भी शख्स से कोरोना फैल सकता है।
सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित किया
दिल्ली में कोरोना वायरस के 6 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद राज्य सरकार काफी सतर्कता बरत रही है। सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर इसे महामारी घोषित करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों, कॉलेजों और सिनेमाघरों को एहतियाती तौर पर 31 मार्च तक बंद रखने की भी घोषणा की है। सिर्फ वही स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे जहां अभी परीक्षाएं जारी हैं। सरकार द्वारा सरकारी, निजी कार्यालयों, शॉपिंग मॉल सहित सभी सार्वजनिक स्थानों को संक्रमण मुक्त बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और शीर्ष सरकारी अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला किया गया।
आईपीएल पर संकट के बादल
आईपीएल के 13वें सीजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने जहां आईपीएल मैचों पर पाबंदी लगा दी वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य की कैबिनेट का मानना है कि या तो आईपील की तारीखों को आगे बढ़ा दिया जाए या फिर इसका आयोजन दर्शकों की गैरमौजूदगी में बंद दरवाजे में किया जाए। इसके अलावा भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने कोरोना के चलते बीसीसीआई सहित सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को स्वास्थ्य मंत्रालय का परामर्श मानने और खेल प्रतियोगिताओं के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने से बचने को कहा है।
खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया ने कहा, 'बीसीसीआई सहित सभी राष्ट्रीय संघों से कहा गया है कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश और सलाह का पालन करें। हमने उन्हें किसी भी सार्वजनिक सभा से बचने के लिए भी कहा है और अगर कोई खेल टूर्नामेंट का आयोजन होना है, तो उसे बंद दरवाजों के बीच लोगों के बिना आयोजित किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'यह राज्य सरकार के ऊपर है जिसे दर्शकों का प्रबंधन करना है और उनके पास इसे रोकने के लिए महामारी रोग अधिनियम (1897 की महामारी अधिनियम) के तहत शक्ति प्राप्त है।'