- टेस्ट क्रिकेट इतिहास में 24 फरवरी का महत्व
- जब कराची में आई थी रनों की बाढ़, उस मैच में सब कुछ था
- पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेले गए मुकाबले में खूब रिकॉर्ड टूटे
टेस्ट क्रिकेट में जमकर रन बरसें तो भला मैदान क्यों नहीं भरेंगे। ऐसा ही एक मैच फरवरी 2009 में खेला गया था जब पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच कराची में हुई टक्कर में रनों की बाढ़ आ गई थी। मैदान पर दर्शकों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही थी और रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड टूटते जा रहे थे। क्या सेंचुरी, क्या डबल सेंचुरी और क्या ट्रिपल सेंचुरी। उस मैच में सब कुछ दिखा था।
कराची में खेले गए उस मुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में श्रीलंका की तरफ से दो खिलाड़ियों ने दोहरे शतक जड़ दिए। कप्तान महेला जयवर्धने ने 240 रन बनाए और थिलन समरवीरा ने 231 रनों की पारी खेली। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 437 रनों की विश्व रिकॉर्ड पार्टनरशिप को अंजाम दे दिया। श्रीलंका ने इनके दम पर 7 विकेट खोकर 644 रनों का पहाड़ खड़ा किया और पारी घोषित कर दी।
पाकिस्तानी बल्लेबाज भी गरज पड़े
जवाब में उतरी पाकिस्तानी टीम ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और करारा जवाब दिया। पाकिस्तान की तरफ से उनके कप्तान यूनिस खान ने ट्रिपल सेंचुरी जड़ दी। उन्होंने 313 रनों की शानदार पारी खेली जिसमें 4 छक्के और 27 चौके शामिल थे। जबकि सातवें नंबर पर विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल ने शतक जड़ दिया। अकमल ने नाबाद 158 रनों की पारी खेली। नतीजतन पाकिस्तान ने 6 विकेट पर 765 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इस पारी में श्रीलंका की तरफ से 9 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की थी।
श्रीलंका की दूसरी पारी खत्म होने पहले ही मैच खत्म
मैच में बल्लेबाज इतनी आसानी से खेल रहे थे कि पहली पारी खेलने में ही दोनों टीमों ने तकरीबन पूरा मैच निकाल दिया था। श्रीलंकाई टीम दूसरी पारी में खेलने उतरी और वे 5 विकेट पर 144 रन बना चुके थे, लेकिन पांचवां दिन भी समाप्त हो गया और मैच ड्रॉ रहा। दोनों टीमों ने मिलकर इस मुकाबले में जमकर रन बरसाए थे और इसीलिए उस मैच को आज भी याद किया जाता है।