मैनचेस्टर:(19 जुलाई 2020) इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन लंच से पहले एक अजीब स्थिति खड़ी हो गई। 120 रन की शतकीय पारी खेलने वाले डॉम सिबली से एक भूल हो गई जो नहीं होनी चाहिए थी उन्होंनें भूल वश गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल किया। इसके बाद टीम के खिलाड़ियों ने इसकी सूचना फील्ड अंपायर्स को दी।
ये वाकया वेस्टइंडीज की पारी के 41वें ओवर के बाद हुआ। फील्डिंग कर रहे सिबली ने गेंद को चमकाने के लिए धोखे से लार का इस्तेमाल किया। आईसीसी ने कोरोना संक्रमण की वजह से ऐसा करने पर रोक लगा दी है। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इस बात की सूचना अंपायरों को दी। ऐसे में अंपायर्स ने गेंद को अपने हाथ में लेकर उसे देखा और डिसइन्फेक्शन पेपर को गेंद के दोनों और रगड़कर उसे साफ किया और गेंद को स्पिनर डॉम बीस की ओर उछाल दिया। हालांकि शुरू में ये पता नहीं चला कि अंपायर्स ने ऐसा क्यों किया लेकिन बाद में सिबली द्वारा गेंद पर लार का इस्तेमाल धोखे से किए जाने की पुष्टि हो गई।
दो बार चेतावनी दिए जाने के बाद लगेगी पेनल्टी
आईसीसी ने कोरोना संकमण की वजह से लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि लंबे समय से खिलाड़ियों की आदत में इसके शामिल होने की वजह से विरोधी टीम को पांच रन की पेनल्टी दिए जाने से पहले दो बार चेतावनी दिए जाने का प्रावधान किया है। ऐसे में सिबली के लार का इस्तेमाल किए जाने की स्वीकारोक्ति के बाद वेस्टइंडीज को पेनल्टी के रूप में पांच रन नहीं दिए गए।
पहले टेस्ट में एंडरसन पर लगा था आरोप
साउथैम्पटन टेस्ट के दौरान भी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन पर लार के इस्तेमाल का आरोप लगा था। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो जरूर वायरल हुआ था लेकिन उसे देखकर स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा जा सकता था कि एंडरसन ने ऐसा किया है। इसलिए आधिकारिक तौर पर मामला नहीं बना। लेकिन दूसरे टेस्ट में सिबली ने अंतत: भूल कर ही दी।
इंग्लैंड के गेंदबाज ऐसे चमका रहे हैं गेंद
गेंद को चमकाने के लिए लार पर आईसीसी ने भले ही प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन इस काम के लिए पसीने का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में इंग्लैंड के गेंदबाज सीरीज के पहले टेस्ट से ही पीठ के पसीने का इस्तेमाल गेंद को चमकाने के लिए कर रहे हैं और उनका यह तरीका थोड़ा बहुत कारगर भी रहा है। बदलाव के लागू होने से पहले लार पर प्रतिबंध को लेकर बहुत चर्चा हुई थी लेकिन आईसीसी ने किसी आर्टीफीशियल सब्सटेंस या वैक्स के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी थी।