- आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर लगा दिया है प्रतिबंध
- दो बार चेतावनी दिए जाने के बाद ऐसा करते पाए जाने पर 5 रन की पेनल्टी रन दिए जाने का है प्रावधान
- नए नियम के साथ इस तरह तालमेल बैठा रहे हैं इंग्लैंड के तेज गेंदबाज
साउथैम्पटन: कोरोना वायरस के कहर के बीच आईसीसी द्वारा लागू किए गए नए नियमों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो चुकी है। साउथैम्पटन में खेले जा रहे पहले टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम महज 204 रन बनाकर ढेर हो गई। कैरेबियाई तेज गेंदबाजों की सटीक गेंदबाजी का इंग्लिश बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं थी। इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं जड़ सका। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक वेस्टइंडीज ने 1 विकेट खोकर 57 रन बना लिए हैं।
पीठ के पसीने का कर रहे हैं इस्तेमाल
कोरोना वायरस महामारी के मैच के दौरान गेंदबाजों को गेंद को चमकाने के लिए लार लगाने की अनुमति नहीं है। गेंदबाजों को पसीने के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है ऐसे में में इंग्लैंड के गेंदबाज पीठ के पसीने से गेंद को चमका रहे हैं। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, 'लार पर प्रतिबंध लगने के बाद अब पीठ का पसीना अहम बन गया है। केवल अपना पसीना हालांकि हम गेंद पर आपस में थोड़ा पसीना मिला रहे हैं। मुझे कुछ जिम्मी (एंडरसन) और जोफ्रा (आर्चर) से मिला।'
इंग्लिश गेंदबाजों के लिए निराशाजनक रहा दूसरा दिन
इंग्लैंड के लिये दूसरे दिन का खेल निराशाजनक रहा। वेस्टइंडीज ने उसकी टीम को पहली पारी में 204 रन पर आउट कर दिया और वुड ने स्वीकार किया कि वे अब तक मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाये हैं। वुड ने कहा, 'हमारे लिये यह अच्छा दिन नहीं रहा इसलिए काफी कुछ करने की जरूरत है। मैं कुछ विकेट लेना चाहूंगा। उन्होंने बहुत अच्छी गेंदबाजी की और उन्हें श्रेय मिलना चाहिए लेकिन 204 हमारा लक्ष्य नहीं था। हम 250 या 300 का स्कोर पसंद करते। गेंदबाजी में हमें शुरुआत से ही लय नहीं मिली और उन्होंने शुरू से अच्छी लाइन व लेंथ से गेंदबाजी की।'