क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में भी कुछ ऐसे मैच खेले जा चुके हैं जो कि बेहद छोटे रहे। कुछ मैचों का नतीजा निकला तो कुछ बेनतीजा खत्म हो गए। ऐसा ही एक अजीबोगरीब टेस्ट मैच 1998 में खेला गया था। जमैका में खेले गए उस टेस्ट में इंग्लैंड और मेजबान वेस्टइंडीज की टीमें आमने-सामने थीं। आज ही के दिन (29 जनवरी) उस मैच में कुछ ऐसा हुआ था वो सबसे छोटे मुकाबलों की लिस्ट में शुमार हो गया।
उस मैच में इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वेस्टइंडीज के दिग्गज गेंदबाज कॉर्टनी वॉल्श ने तीसरे ओवर की दो लगातार गेंदों पर एथर्टन और मार्क बुचर को आउट कर दिया। जबकि एमब्रोस ने नासिर हुसैन (1 रन) को आउट कर दिया। इंग्लैंड की टीम 9 रन पर अपने 3 विकेट गंवा चुकी थी।
पिच इतनी खतरनाक थी कि कोई भी बल्लेबाज पिच पर जमने में घबरा रहा था। वेस्टइंडीज के दो धाकड़ तेज गेंदबाज एमब्रोस और वॉल्श अपने कद का लाभ उठाते हुए हड्डियां तोड़ने वाली शॉर्ट गेंदें फेंकते जा रहे थे। पिच पर दरारें साफ दिख रही थीं। मैच में इंग्लैंड की टीम 3 विकेट पर 17 रन ही बना सकी थी।
बस यहीं पर अंपायरों ने खेल को रोकने का फैसला लिया। ये मैच सिर्फ 61 गेंदों तक ही चल सका और मैच को ड्रॉ घोषित करना पड़ा। अंत में एलेक स्टीवर्ट 26 गेंदों पर नाबाद 9 रन और ग्राहम थोर्प 10 गेंदों पर 0 बनाकर पिच पर टिके थे।