- रवि शास्त्री ने टीम चयन में कप्तान और कोच के दखल को लेकर नई बहस छेड़ दी है
- वो चाहते हैं कि टीम चयन में इन दोनों को मिले आधिकारिक तौर पर अपनी राय रखने की छूट
- विश्व कप 2019 में टीम में तीन विकेटकीपर रखे जाने के पक्ष में नहीं थे शास्त्री
नई दिल्ली: टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद टीम इंडिया के हेड कोच पद से सात साल लंबे कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने के बाद से रवि शास्त्री हर दिन एक नई बहस को जन्म दे रहे हैं। टीम इंडिया के पूर्व कोच ने अब टीम चयन को लेकर एक अपनी राय जाहिर की है।
कोच और कप्तान का हो टीम चयन में दखल
स्टार स्पोर्ट्स के साथ अपनी बातचीत के दौरान टीम चयन को लेकर रवि शास्त्री ने कहा, मेरा मानना है कि कोच और कप्तान का टीम चयन की प्रक्रिया में अपनी राय रखना बहुत अहम है। यह तब ज्यादा जरूरी है जब कोच के पास अच्छा खासा अनुभव हो। हेड कोच और कप्तान को चयनप्रक्रिया में आधिकारिक तौर पर राय रखने की छूट मिलनी चाहिए।
विश्व कप-2019 की टीम में तीन विकेटकीपर रखने के पक्ष में नहीं थे शास्त्री
रवि शास्त्री ने पहले कहा था कि वो आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के दौरान टीम में तीन विकेटकीपर रखने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं थे। उनके मुताबिक टीम में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल किया जाना चाहिए था। शास्त्री ने कहा, मैं तीन विकेटकीपरों को टीम में चुने जाने के पक्ष में कतई नहीं था। टीम में एमएस धोनी, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को एक साथ रखने का क्या औचित्य था। लेकिन मैंने कभी भी चयनकर्ताओं के काम में दखल नहीं दिया जब तक कि मुझे आम चर्चा के दौरान अपनी राय रखने को नहीं कहा गया।'
कभी नहीं दिया चयन समिति के काम में दखल
आम तौर पर टीम चयन के दौरान कोच और कप्तान के साथ चयनसमिति के सदस्य चर्चा करते हैं। उसके बाद ही टीम का चयन होता है। ऐसा माना जाता है कि एक साझा राय के अनुरूप ही टीम का चयन किया जाता है। लेकिन कई बार चयनकर्ता अपने विवेक के अनुरूप अटपटे निर्णय लेते हैं जिसकी वजह से खामियाजा टीम को भुगतना पड़ता है। क्योंकि टीम चयन और संतुलन को लेकर कोच और कप्तान के साथ खुलकर चर्चा नहीं की जाती है।