- क्रिकेट के मैदान पर धमाकेदार अंदाज में वापसी करने की फिराक में हैं एस श्रीसंत
- खुद को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी करना चाहते हैं तैयार
- इसके लिए ले रहे हैं एनबीए के दिग्गज माइकल जॉर्डन के पूर्व मेंटल ट्रेनर टिम ग्रोवर की मदद
नई दिल्ली: साल 2007 में टी20 और 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत प्रतिबंध समाप्त होने के बाद मैदान पर धमाकेदार वापसी की तैयारी कर रहे हैं। साल 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई द्वारा उनपर लगाया गया प्रतिबंध सितंबर में समाप्त हो रहा है।
केरल की रणजी टीम में उनकी वापसी की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। ऐसे में वो इसके लिए किसी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। शारीरिक रुप से खुद को फिट रखने के अलावा वो वापसी के लिए खुद को मानसिक रूप से भी तैयार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बास्केटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी माइकल जोर्डन के पूर्व ट्रेनर टिम ग्रोवर से मेंटल कंडिशनिंग का सबक भी सीख रहे हैं।
एनबीए के मशहूर 'फिजिकल एवं माइंड ट्रेनिंग कोच' टिम ग्रोवर से ऑनलाइन 'मेंटल कंडिशनिंग' की क्लास लेने के लिये श्रीसंत रोजाना पांच बजे उठ जाते हैं। श्रीसंत ने पीटीआई-भाषा से इंटरव्यू में कहा, 'ग्रोवर एनबीए में बड़े नामों में से एक हैं। मैं हफ्ते में तीन दिन सुबह साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लेता हूं। इसके बाद मैं अर्नाकुलम में इंडोर नेट में दोपहर डेढ़ बजे से शाम छह बजे तक ट्रेनिंग करता हूं जहां केरल अंडर-23 और रणजी ट्रॉफी के काफी खिलाड़ी जैसे सचिन बेबी होते हैं।'
श्रीसंत का सबसे नजदीकी लक्ष्य फिलहाल केरल की रणजी टीम में वापसी करना है लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह 2021 आईपीएल नीलामी में अपना नाम रखेंगे? तो उन्होंने कहा, 'अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो मैं निश्चित रूप से ऐसा करूंगा और मुझे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। कुछ टीमों की दिलचस्पी होगी और मैंने हमेशा खुद से कहा है कि मैं फिर से आईपीएल में खेलूंगा। वहीं से मुझे बाहर किया गया और मैं सुनिश्चित करूंगा कि मैं फिर से उसी मंच पर वापसी करूं और मैच जीतूं।'
भारत के लिये 90 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 169 विकेट चटकाने वाले 37 वर्षीय श्रीसंत ने कहा, 'जिस स्थान से मैं जवाब दे सकता हूं, वह एकमात्र स्थल आईपीएल है, भले ही मैं भारत के लिये खेल लूं। मैं उस भय का सामना करना चाहता हूं और जिंदगी जीने का यही तरीका है। मुझे डर था कि जब मैं अगला क्रिकेट मैच खेलूंगा तो लोग क्या कहेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि वो सभी लोग महसूस करेंगे कि मैं किस दर्द से गुजरा हूं और कौन इसके पीछे हैं। सब कुछ सामने आ जायेगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि मेरे चयन के लिये मेरा प्रदर्शन मानदंड बने।'