- लगातार एक साल तक मौका देने के बाद विश्व कप की टीम से अंबाती रायुडू को कर दिया गया था टीम से बाहर
- तकरीबन एक साल बाद रायुडू को अचानक टीम से बाहर किए जाने के राज से उठा है पर्दा
- विश्व कप के लिए टीम में शामिल नहीं किए जाने के बाद रायुडू ने लिया था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
नई दिल्ली: साल 2019 में इंग्लैंड की मेजबानी में खेले गए विश्व कप के लिए जब टीम इंडिया का ऐलान हुआ था तब एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने अंबाती रायुडू को टीम में शामिल नहीं किया था। रायुडू की जगह चयनकर्ताओं ने गैरअनुभवी तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर को टीम में थ्री डायमेंशनल प्लेयर बताते हुए शामिल किया था। जिसपर रायुडू ने भी चयनसमिति के निर्णय के बाद ट्वीट करके चुटकी ली थी।
रायुडू को विश्व कप 2019 के लिए विराट सेना में शामिल नहीं किए जाने की बहुत आलोचना हुई थी। चयन समिति ने अपने इस निर्णय का बचाव भी किया था। लेकिन किस वजह से रायुडू को टीम में जगह नहीं दी गई इसका खुलासा तकरीबन एक साल तीन महीने बाद चयन समिति के सदस्य रहे पूर्व क्रिकेटर गगन खोड़ा ने किया है।
सुस्त हो गए थे रायुडू, नहीं था विश्व कप में खेलने लायक आत्मविश्वास
गगन खोड़ा ने रायुडू को विश्व कप की टीम से बाहर किए जाने का कारण बताते हुए कहा कि वो सुस्त हो गए थे और उनके अंदर विश्व कप में जाने जैसा आत्मविश्वास नहीं था। खोड़ा ने कहा, विश्व कप के लिहाज से अंबाती रायु़डू अनुभवी थे। हमने एक साल तक उनपर विश्वास जताया लेकिन हमें महसूस हुआ कि वो धीरे-धीरे सुस्त होते जा रहे हैं और उनके अंदर विश्व कप में खेलने जाने जैसा आत्मविश्वास भी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में हम किसी युवा खिलाड़ी को भी टीम में शामिल नहीं कर सकते थे क्योंकि टुर्नामेंट इंग्लैंड में खेला जाना था।'
विश्व कप में मजबूत थी टीम इंडिया
विश्व कप की टीम को सशक्त बताते हुए गगन खोड़ा ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमारी टीम किसी भी तरह से कमजोर थी। वो एक दिन खराब था। पहले दिन जब मैच नहीं हुआ और जब दूसरे दिन खेला गया तो पूरी लय समाप्त हो गई। आपको सबकुछ फिर से शुरू करना था और तब ऐसा हो गया।'
टीम इंडिया विश्व कप में ग्रुप ए में अविजेय रही थी। सेमीफाइनल में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ करीबी रोमांचक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। महेंद्र सिंह धोनी के रन आउट होते ही भारत के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया था। मुश्किल वक्त में शानदार अर्धशतक जड़कर रवींद्र जडेजा ने धोनी के साथ टीम इंडिया की जीत की संभावनाओं को जीवित किया था लेकिन अंत में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच के बाद से धोनी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं और प्रशंसक उन्हें फिर से खेलता देखने के लिए बेकरार हैं।