- आज है पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का जन्मदिन
- हैदराबाद के बल्लेबाज ने दिखाया कलाई का दम
- शानदार करियर पर पड़ा विवादों का दाग
भारतीय क्रिकेट में अगर स्टाइल के लिए कुछ खिलाड़ियों को जाना जाएगा तो उसमें पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम जरूर आएगा। कॉलर चढ़ाकर जब लंबे कद वाले अजहर मैदान पर उतरते थे तो सब बस उनको देखते रह जाते थे। कलाई के दम पर क्रिकेट शॉट्स की परिभाषा बदली और सालों बाद हैदराबाद के एक और खिलाड़ी (वीवीएस लक्ष्मण) ने उनकी इसी खूबी को आगे बढ़ाया। आज मोहम्मद अजहरुद्दीन का 58वां जन्मदिन है और हम उनके बारे में कुछ खास बातें बताएंगे।
हैदराबाद में जन्में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने क्रिकेट जगत में वो रुतबा हासिल किया था जिसको पाने के लिए करोड़ों क्रिकेटर तरसते हैं। कप्तानी हो, बल्लेबाजी हो या फिर फील्डिंग..हर चीज में वो माहिर रहे। दिसंबर 1984 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का आगाज किया और फिर अगले महीने ही उनको वनडे टीम में भी जगह मिल गई। वो 1989 में भारतीय टीम के कप्तान बनाए गए। उन्होंने 47 टेस्ट और 174 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में भारत ने 90 वनडे और 14 टेस्ट मैच जीते।
अजहरुद्दीन के आंकड़े
मोहम्मद अजहरुद्दीन अपने टेस्ट करियर में मैचों के शतक से सिर्फ एक मुकाबले से चूक गए। उन्होंने बेंगलुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मार्च 2000 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला। वो उनका 99वां टेस्ट मैच था। अजहर ने 99 टेस्ट मैचों में 45.03 के औसत से 6215 रन बनाए जिसमें 22 शतक और 21 अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने टेस्ट में 105 कैच भी लपके। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था 199 रन।
वहीं वनडे क्रिकेट में अजहरुद्दीन ने 334 मैच खेले जिसमें 36.92 के औसत से उन्होंने 9378 रन बनाए। वनडे में अजहर ने 7 शतक और 58 अर्धशतक जड़े। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 229 मैचों में 54 शतकों के दम पर 15855 रन बनाए।
विवाद ने खराब किया सफर
एक शानदार क्रिकेटर के रूप में अजहरुद्दीन का जो सफल था उस पर तब दाग लग गए जब 2000 में वो मैच फिक्सिंग कांड में दोषी पाए गए। जांच एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया कि अजहर ने ही दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोन्ये को सट्टेबाज से मिलवाया था। उसके बाद जांच एजेंसी की रिपोर्ट को देखते हुए बीसीसीआई और आईसीसी ने अजहर पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।
हालांकि 2012 उन पर लिए गए आरोप हटा लिए गए थे। वो कांग्रेस से चुनाव लड़कर 2009 से 2014 के बीच सांसद भी रहे और 2019 में हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बने।