- अजहर बने थे डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले भारत के आठवें बल्लेबाज
- इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 109.75 के औसत से बनाए थे 439 रन
- अपने शुरुआती तीन टेस्ट में अजहर ने किया था तीन शतक जड़ने का अनोखा कारनामा
नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 5 फरवरी को चेन्नई में होने जा रहा है। भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक सीरीज जीत कर लौटने के बाद दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों को बेसब्री से है। इस सीरीज के साथ ही भारत में तकरीबन एक साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी होगी। दोनों देशों के बीच टेस्ट क्रिकेट में कांटे की टक्कर हुई है। दोनों ही टीमों का अपने अपने घर पर पलड़ा भारी रहा है। ऐसे में इंग्लैंड के लिए विराट सेना को मात देना आसान नहीं होगा। क्योंकि सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ी इंग्लैंड को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
कोलकाता में मिला डेब्यू का मौका, शतक के साथ की शुरुआत
इसी तरह साल 1984-85 में भारत दौरे पर पांच टेस्ट मैच की सीरीज खेलेने आई थी। इस सीरीज में टीम इंडिया ने मुंबई में जीत के साथ शुरुआत की थी। उस मैच में जीत के हीरो स्पिनर लक्ष्मण शिवारामकृष्णन रहे थे। उन्होंने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लेकर जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद दिल्ली में खेला गया सीरीज का दूसरा टेस्ट इंग्लैंड के नाम रहा था और सीरीज 1-1 से बराबर हो गई थी। ऐसे में टीम इंडिया ने संदीप पाटिल की जगह मोहम्मद अजहरुद्दीन को कोलकाता में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट में डेब्यू का मौका दिया।
हैदराबाद की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले अजहर घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बना चुके थे। कलाई से कलात्मक स्ट्रोक्स खेलने के कारण उन्हें पहचान मिली थी। गुंडप्पा विश्वनाथ और जहीर अब्बास की तरह वो बल्लेबाजी करते थे। ऐसे में अजहर ने डेब्यू मैच में ही धमाल करते हुए शानदार शतक जड़ दिया। उन्होंने उस मैच की पहली पारी में 433 मिनट तक बल्लेबाजी की और 322 गेंद में 10 चौकों की मदद से 110 रन बनाए। वो डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले भारत के आठवें बल्लेबाज बने थे। इडन गार्डन्स में खेला गया ये मैच बराबरी पर समाप्त हुआ और दूसरी पारी में अजहर को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।
दिल्ली में भी अजहर ने किया शतकीय धमाका
1-1 की बराबरी के साथ कारवां चेन्नई पहुंचा। चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में भारतीय टीम 272 रन बनाकर ढेर हो गई जिसमें अजहरुद्दीन ने 48 रन का योगदान दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने ग्रीह्म फॉलर(201) और माइक गैटिंग(207) के दोहरे शतकों की बदौलत 7 विकेट पर 652 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी। 380 रन से पिछड़ने के बाद दोबारा बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम दूसरी पारी में भी लड़खड़ा गई। ऐसे में मोहिंदर अमरनाथ(95) के साथ पारी संभालते हुए अजहरुद्दीन ने शानदार शतक जड़ दिया। ये करियर के दूसरे टेस्ट में उनका दूसरा शतक था। अंत में टीम इंडिया ने ये मैच 9 विकेट से गंवा दिया और सीरीज में 1-2 से पिछड़ गई।
कानपुर में हुआ प्रमोशन, जड़ दिया लगातार तीसरा शतक
इसके बाद दोनों टीमों सीरीज के पांचवें और आखिरी टेस्ट के लिए कानपुर पहुंचा। कानपुर में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अजहर को पांच की बजाए नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेज दिया। ऐसे में अजहर ने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए लगातार तीसरे टेस्ट में शतक जड़ दिया। उन्होंने 270 गेंद में 122 रन बनाए। मैच की दूसरी पारी में भी अजहर ने नाबाद अर्धशतक जड़ा। लेकिन ये टेस्ट मैच अंत में बराबरी पर समाप्त हुआ और टीम इंडिया ने 1-2 के अंतर से सीरीज गंवा दी। लेकिन टीम इंडिया को भविष्य का सितारा मिल गया था।
शुरुआती तीन टेस्ट में शतक जड़ने वाले दुनिया के एकलौते बल्लेबाज
अजहर क्रिकेट इतिहास में अपने करियर के शुरुआती तीन टेस्ट में तीन शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे। अजहर ने इस धमाकेदार शुरुआत के बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस सीरीज में तीन टेस्ट की पांच पारियों में 3 शतक और एक अर्धशतक 109.75 के औसत से 439 रन बनाए थे और पूरी दुनिया में उनके नाम की चर्चा होने लगी।
इंग्लैंड रही अजहर की फेवरेट टीम, लगाया रनों का अंबार
अपने 16 साल लंबे करियर में अजहर ने 99 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 45 की औसत से कुल 6215 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट करियर में 22 शतक और 21 अर्धशतक जड़े। उनका सर्वाधिक स्कोर 199 रन रहा। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने करियर में कुल 15 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान बल्लेबाजी करते हुए 24 पारियों में 2 बार नाबाद रहते हुए 58.09 की औसत से 1278 रन बनाए। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 6 शतक और 3 अर्धशतक जड़े। इंग्लैंड अजहर की पसंदीदा विरोधी टीम रही। इंग्लैंड के खिलाफ उनके बल्ले का जादू हमेशा चला। उसी के खिलाफ उन्होंने करियर में सबसे ज्यादा रन बनाए और सबसे ज्यादा शतक जड़े।